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डेंगू के बढ़ते मामलों को देख CM नीतीश ने की अहम बैठक, अधिकारियों को दिए कई निर्देश - ETV Bharat Bihar

बिहार में डेंगू के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. इसपर किस प्रकार से काबू पाया जाए इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की. सीएम ने अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Nitish Kumar Etv Bharat
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Published : Oct 25, 2022, 10:29 PM IST

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में डेंगू की रोकथाम के लिये किये जा रहे उपायों को लेकर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डेंगू के बढ़ते मामले (Dengue Cases In Bihar) और उसकी रोकथाम के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें - कोरोना से भी तेज गति से फैल रहा है डेंगू, बच्चों को सबसे अधिक कर रहा है संक्रमित

''अस्पतालों में बेडों की संख्या और बढ़ायें ताकि पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध रहे और मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायें ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. सभी जगह डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से करायें. डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिये. सभी जगह साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार


जानिए क्या है डेंगू मच्छर? : जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर का नाम मादा एडीज मच्छर है. यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है. यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं. डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं. वहीं, अगर रात में रोशनी ज्यादा है तो भी यह मच्छर काट सकते हैं. इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखें. एडीज बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता. इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है.

डेंगू बुखार के लक्षण? : डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है. 1.5 लाख से 3.5 लाख के बीच रहने वाला प्लेटलेट्स यदि 20 हजार के नीचे आ जाये तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है. इसमें तेज बुखार के साथ हड्डियों के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, उल्टी, मतली, आंखों में दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण शामिल हैं. सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

पानी की कमी के कारण घटता है प्लेटलेट्सः पटना की प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. पटना के तमाम बड़े अस्पतालों में 30 फीसदी से अधिक एडमिट मरीज डेंगू बुखार से पीड़ित हैं. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिस वजह से डिहाईड्रेशन होता है और जिस मरीज के शरीर में पानी की कमी बहुत अधिक बढ़ जाती है उसके लिए सिटी जानलेवा हो जाती है, क्योंकि पानी की कमी के कारण शरीर का प्लेटलेट्स कम हो जाता है. अगर किसी को डेंगू बुखार होता है तो उसे डरने की आवश्यकता नहीं है और डेंगू के लक्षण आने के बाद खानपान यदि सही रहता है और मरीज पूरा आराम करता है पानी प्रचुर मात्रा में पीता है तो उसे अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता.

एंटीबायोटिक ना खाने की सलाहः बिना चिकित्सीय परामर्श के डेंगू मरीजों को एंटीबायोटिक ना खाने की सलाह दी गई है. क्योंकि एंटीबायोटिक से शरीर का प्लेटलेट्स कम होता है. डॉक्टर बुखार होने पर सिर्फ 650mg का नॉर्मल पेरासिटामोल की गोलियां खाने की सलाह दे रहे हैं. बिहार राज्य आयुष समिति के आयुष चिकित्सक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि बचाव के तमाम उपाय करें और अपने घर के आस-पास साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था रखें. बच्चों में कोई भी बीमारी से जल्दी संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है ऐसे में बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतें और बच्चों को न्यूट्रिशस डायट का सेवन कराएं. साफ सफाई के लिए घर में डिसइनफेक्टेंट से साफ सफाई करें इसके लिए फिनाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने मोहल्ले में नगर निगम की गाड़ियों को बुलाकर उनसे एंटी लार्वा डिसइनफेक्टेंट की फागिंग करवाएं ताकि डेंगू मच्छर का लार्वा खत्म हो जाए.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में डेंगू की रोकथाम के लिये किये जा रहे उपायों को लेकर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के साथ समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डेंगू के बढ़ते मामले (Dengue Cases In Bihar) और उसकी रोकथाम के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे.

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''अस्पतालों में बेडों की संख्या और बढ़ायें ताकि पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध रहे और मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायें ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. सभी जगह डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से करायें. डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिये. सभी जगह साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार


जानिए क्या है डेंगू मच्छर? : जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर का नाम मादा एडीज मच्छर है. यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है. यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं. डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं. वहीं, अगर रात में रोशनी ज्यादा है तो भी यह मच्छर काट सकते हैं. इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखें. एडीज बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता. इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है.

डेंगू बुखार के लक्षण? : डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है. 1.5 लाख से 3.5 लाख के बीच रहने वाला प्लेटलेट्स यदि 20 हजार के नीचे आ जाये तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है. इसमें तेज बुखार के साथ हड्डियों के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, उल्टी, मतली, आंखों में दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण शामिल हैं. सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

पानी की कमी के कारण घटता है प्लेटलेट्सः पटना की प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. पटना के तमाम बड़े अस्पतालों में 30 फीसदी से अधिक एडमिट मरीज डेंगू बुखार से पीड़ित हैं. चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिस वजह से डिहाईड्रेशन होता है और जिस मरीज के शरीर में पानी की कमी बहुत अधिक बढ़ जाती है उसके लिए सिटी जानलेवा हो जाती है, क्योंकि पानी की कमी के कारण शरीर का प्लेटलेट्स कम हो जाता है. अगर किसी को डेंगू बुखार होता है तो उसे डरने की आवश्यकता नहीं है और डेंगू के लक्षण आने के बाद खानपान यदि सही रहता है और मरीज पूरा आराम करता है पानी प्रचुर मात्रा में पीता है तो उसे अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता.

एंटीबायोटिक ना खाने की सलाहः बिना चिकित्सीय परामर्श के डेंगू मरीजों को एंटीबायोटिक ना खाने की सलाह दी गई है. क्योंकि एंटीबायोटिक से शरीर का प्लेटलेट्स कम होता है. डॉक्टर बुखार होने पर सिर्फ 650mg का नॉर्मल पेरासिटामोल की गोलियां खाने की सलाह दे रहे हैं. बिहार राज्य आयुष समिति के आयुष चिकित्सक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि बचाव के तमाम उपाय करें और अपने घर के आस-पास साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था रखें. बच्चों में कोई भी बीमारी से जल्दी संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है ऐसे में बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतें और बच्चों को न्यूट्रिशस डायट का सेवन कराएं. साफ सफाई के लिए घर में डिसइनफेक्टेंट से साफ सफाई करें इसके लिए फिनाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने मोहल्ले में नगर निगम की गाड़ियों को बुलाकर उनसे एंटी लार्वा डिसइनफेक्टेंट की फागिंग करवाएं ताकि डेंगू मच्छर का लार्वा खत्म हो जाए.

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