पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार के बिहार के सूखाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके तहत उन्होंने नवादा, औरंगाबाद, शेखपुरा, जमुई, गया जैसे जिलों का जायजा लिया. इन जिलों में कम रोपनी हुई है, इसी का सीएम ने उसका एरियल सर्वे किया. बता दें कि इस बार बिहार में मानसून शुरू से कमजोर रहा है. इसका परिणाम है कि खरीफ की फसल पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.
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30 प्रतिशत से भी कम हुई है बारिश : इस बार सूबे में 30 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. इसका असर सीधे तौर पर धान की खेती यानी धान रोपनी पर असर पड़ा है. यही कारण है कि कई जिले इस बार सूखे की चपेट में हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने आज 80 प्रतिशत से कम रोपनी वाले इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस सर्वेक्षण के बाद अब सरकार खेती-किसानी के लिए अलग से रणनीति तैयार करेगी. सर्वेक्षण खत्म होने के बाद आगे अब मुख्यमंत्री क्या फैसला लेते हैं, इस पर किसानों की उम्मीद टिकी है.
किसानों को दिया जा रहा डीजल अनुदान : वैसे सरकार की ओर से पहले ही किसानों को 12 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलवा किसानों को डीजल अनुदान देने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया है. वहीं जहां रोपनी हो चुकी है. वहां भी पानी की कमी के कारण धान की फसल प्रभावित हो रही है. ऐसे में सिंचाई के लिए डीजल अनुदान और 12 घंटे बिजली की सुविधा किस हद तक कारगर साबित होगा, यह तो किसान ही बता सकते हैं. फिलहाल पूरे राज्य में बारिश की कमी से हाहाकार मचा हुआ है.