नई दिल्ली: देश की राजधानी में 'शराब मुक्त भारत' राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए गांधी जी ने जो संदेश दिया था, उस रूप में देश ने उसे नहीं माना. लेकिन बिहार में 3 साल पहले शराबबंदी कर हमने गांधी जी के सपने को पूरा किया है.
सीएम नीतीश ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि शराब से परिवारों में कई तरह की दिक्कत होती थी. शराब की वजह से कई परिवार उजड़ गए. जब 2005 में बिहार में पहली बार हमारी सरकार बनी, तब हमने धीरे-धीरे शराब की दुकानें बंद कराना शुरू किया. 2010 में दोबारा हमारी सरकार बनी, तो शराबबंदी के लिए अभियान चलाना शुरू किया. फिर 2015 में बड़ी तादाद में बिहार में महिलाओं ने शराबबंदी लागू करने की मांग की. तीसरी बार सरकार में आते ही शराबबंदी कानून को लागू किया.
कई राज्यों की टीमें कर चुकी निरीक्षण- सीएम नीतीश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मोरारजी देसाई हमारे देश के प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने शराबबंदी लागू करने की कोशिश की थी. लेकिन उनका ये प्रयास सफल नहीं हो सका. कई राज्यों में लोग शराबबंदी की मांग कर रहे हैं. हमारे यहां राजस्थान से लोग शराबबंदी के बारे में जानने आए. राजस्थान से आई टीम को हमने स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट बनाने की बात कही. उन्होंने खुद देखा कि बिहार शराब मुक्त हो चुका है. आज बिहार के लोग शराबबंदी के बाद खुश हैं.
समय-समय पर अभियान चलाते हैं- सीएम नीतीश
मंच पर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने शराबंबदी के बारे में बताते हुए कहा कि हमने इससे जुड़ी शिकायतों के लिए बकायदा टोल फ्री नंबर जारी किया है. लिहाजा, एक फोन घुमाते ही तत्काल कार्रवाई की जाती है. बिहार के लोगों में जागरूकता के लिए हम समय-समय पर अभियान चलाते हैं, जो जरूरी भी है. वहीं, बिहार यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए सीएम ने कहा कि वास्तव में बिहार में बड़ा बदलाव आया है.