पटनाः सीएम नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धान अधिप्राप्ति की समीक्षा (CM Nitish Kamar Reviewed Paddy Procurement in Bihar) की. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में धान की विकेंद्रीकृत अधिप्राप्ति से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिला है. इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के विरुद्ध 44 लाख 91 हजार मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड अधिप्राप्ति की गई है. यह खुशी की बात है. इस बार 6 लाख 43 हजार किसानों से अधिप्राप्ति की गई है, जो एक रिकॉर्ड है.
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सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि किसानों को 8,800 करोड़ रुपये का ससमय भुगतान हो रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी. यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि अब जन वितरण प्रणाली के लिए बिहार के चावल की आवश्यकता राज्य से ही पूरी हो जाएगी. यह बेहद संतोष की बात है. बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से धान अधिप्राप्ति के कार्यों की जानकारी दी.
बंदना प्रेयसी ने बताया कि 1 नवंबर 2021 से 16 फरवरी 2022 तक धान अधिप्राप्ति का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया गया. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 45 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके एवज में रिकॉर्ड 44.91 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है. राज्य में 7104 समितियों द्वारा 8 लाख 43 हजार किसानों से धान अधिप्राप्ति की गई है. प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम के माध्यम से 58,878 किसानों से 4.46 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है.
उन्होंने बताया कि 85 प्रतिशत किसानों के खाते में राशि का भुगतान कर दिया गया है, बाकी बचे किसानों को भी भुगतान जल्द कर दिया जाएगा. बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने भी चावल मिलों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्स के माध्यम से धान अधिप्राप्ति होने से किसानों को काफी लाभ हो रहा है. प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम के तहत जिन किसानों से धान अधिप्राप्ति की गई है, उसका भी जमीनी आकलन करा लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उसना चावल की खपत ज्यादा है, इसे ध्यान में रखते हुए उसना चावल मिलों की संख्या और बढ़ाएं. गेहूं की अधिप्राप्ति को लेकर भी जिलावार आकलन करा लें और उसके आधार पर लक्ष्य निर्धारित कर उस पर काम करें. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, सामान्य प्रशासन सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव
विनय कुमार एवं सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी जुड़ी हुई थीं.
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