पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) के समाज में विभेद पैदा होने वाले बयान पर नीतीश कुमार ने कड़ा ऐतराज जताया है.
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''ऐसी तो कोई बात नहीं है और सबकी सहमति से ही विधानमंडल से प्रस्ताव पास हुआ है. पहले कभी किसी ने कुछ नहीं कहा. अगर ऐसा ही था तो जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से कैसे पास हुआ. जो लोग अब ऐसी बात कह रहे हैं, उन्हें इस पर सफाई देना चाहिए.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
दरअसल, जनता दरबार (Janata Darbar) के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश में जातीय जनगणना जरूरी है. इससे सबको लाभ मिलेगा और गवर्नेंस में भी मदद मिलेगी. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ है. इसे लेकर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले हैं और सबसे बातचीत भी करेंगे. हम केवल सुझाव दे सकते हैं, लेकिन इसे करना ना करना केंद्र सरकार के ऊपर है.
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बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. प्रस्ताव पारित होने के बाद बीजेपी से लेकर सदन में शामिल सभी पार्टियों ने समर्थन दिया था. अब केंद्र सरकार के विरोध के बाद बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जातीय जनगणना पर कहा कि इस तरह की जनगणना होने से समाज में विवाद पैदा होगा. विपक्ष बताए, जातीय जनगणना से क्या फायदा है?
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