पटना: नीतीश कुमार के बयान के बाद प्रशांत किशोर के लिए जदयू में कोई जगह नहीं रह गई है. मुख्यमंत्री ने पवन वर्मा की तरह ही प्रशांत किशोर को भी साफ-साफ कह दिया कि पीके जहां जाना चाहते हैं जा सकते हैं. सीएम नीतीश ने पीके का नाम लिए बगैर निशाना साधा. उन्होंने यहां तक कहा कि जदयू ट्वीटर वाली पार्टी नहीं है. समान लोगों की पार्टी है.
मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वे कुछ और चाहते होंगे, उन्हें कहीं और जाना होगा इसलिए ये सब कर रहे हैं. प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे. हालांकि. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी का राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों का गठन नहीं हुआ है.
साल 2015 में पीके के मिली तव्वजो
साल 2015 में प्रशांत किशोर की भूमिका एक प्रोफेशनल की तरह थी. 3 साल बाद राजनीतिक के तौर पर आए थे. लेकिन, हाल के दिनों में लगातार पार्टी से इतर रूख अपना रहे हैं. वे ट्वीट और बयान के माध्यम से केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार के फैसले पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से कहा कि अमित शाह के कहने पर ही पीके को पार्टी में जगह दी गई थी. इसलिए पीके से ही पूछिए कि रहना चाहते हैं या नहीं.
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लगातार हमलावर थे जेडीयू के नेता
पीके की बयानबाजी पर जेडीयू के नेताओं ने पहले ही हमला बोलना शुरू कर दिया था. आरसीपी सिंह, ललन सिंह, अशोक चौधरी, नीरज कुमार जैसे नेता लगातार बयान दे रहे थे और अब नीतीश ने भी साफ-साफ बोल कर पीके को पार्टी से अलग हो जाने की बात कही है.