पटनाः राजधानी के गर्दनीबाग स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर गुरुवार को यूज्ड पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट फेंका मिला था. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर चलाई थी. जिसके बाद शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय हरकत में आया और बिखरे पड़े यूज्ड मेडिकल वेस्ट को जलाकर डिस्पोज कर दिया.
'एंबुलेंस चालकों की गलती'
पीपीई किट मामले पर सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कार्यालय के बाहर ही इस प्रकार का दृश्य सामने आया है. उन्होंने बताया कि ये एंबुलेंस चालकों की गलती है. चालक जब कोरोना सस्पेक्ट को जांच केंद्र पहुंचा कर वापस सैनिटाइज करने के लिए यहां कार्यालय में लाते हैं तो कई बार एंबुलेंस में मौजूद मेडिकल वेस्ट को यही बाहर फेंक देते हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले पर उन्होंने 102 एंबुलेंस के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर को साफ तौर पर कह दिया है कि इस प्रकार की घटना दोबारा न घटित हो.
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डंप करने के लिए भेजा जाता है आईजीआईएमएस
सिविल सर्जन डॉक्टर राज किशोर चौधरी ने बताया कि पीपीई किट को वो बायो मेडिकल वेस्ट की तरह ट्रीट करते हैं. उन्होंने बताया कि अन्य बायो मेडिकल वेस्ट की तरह ही इसका ट्रीटमेंट किया जाता है. डॉक्टर राज किशोर चौधरी ने बताया कि यूज्ड कीट को पीले रंग के बैग में भर कर रखा जाता है. उस बैग को आईजीआईएमएस डंप करने के लिए भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि दूरदराज इलाके में पीपीई किट यूज होने के बाद उसे वहीं आग लगाकर जला दिया जाता है.