पटनाः पूरे देश में मकर संक्रांति अपने-अपने तरीके से मनाई जा रही है. बिहार में भी इस पर्व का खास महत्व है. इस मौके पर बड़े पैमाने पर भोज का आयोजन भी होता है. राजनातिक गलियारे में मकर संक्रांति को लेकर खूब हलचल रहती है. हर साल की तरह इस बार भी जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के घर एनडीए नेता चूड़ा-दही की दावत पर जुटेंगे. वहीं दूसरी तरफ सदाकत आश्रम में भी महागठबंधन के नेताओं की एकजुटता नजर आएगी.
सियासी भोज पर जुटेंगे एनडीए और महागठबंधन
मकर संक्रांति के मौके पर एक तरफ सदाकत आश्रम में महागठबंधन के दिग्गजों का जुटान होगा तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के घर पर एनडीए अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेगा. पिछले 22 साल के दौरान यह 21वां मौका है, जब जेडीयू अध्यक्ष चूड़ा-दही का भोज देंगे. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित चूड़ा-दही के भोज में महागठबंधन के घटक दलों के सभी बड़े नेता को न्योता भेजा गया है. नए साल 2020 में पहली बार महागठबंधन के घटक दलों के नेता एक साथ जमा होंगे.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर भोज
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर लगभग 10 हजार लोगों के लिए चूड़ा-दही और तिलकूट के साथ सब्जी का इंतजाम है. रात में भी लगभग ढाई हजार लोगों के लिए खिचड़ी बनेगी. इससे पहले मंगलवार की रात भी बड़ी तादाद में लोगों ने लिट्टी-चोखा का लुत्फ लिया. बुधवार को चूड़ा-दही के भोज में जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी की एकजुटता दिखेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव समेत राज्य सरकार के सभी मंत्री, एनडीए दलों के विधायक और नेता दिखेंगे.
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सदाकत आश्रम में चूड़ा-दही भोज का आयोजन
वहीं, महागठबंधन भी चुनावी साल में इस आयोजन के जरिए राज्य की जनता को एक संदेश देना चाहती है. इस भोज में प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, हम सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी, विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के अलावा सीपीआई, सीपीएम, माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी नेता शामिल होगें. इस भोज में एआईसीसी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी शामिल रहेंगे.
कभी लालू ने लगाया था नीतीश को दही का तिलक
बता दें कि बिहार में चूड़ा-दही के भोज के जरिए राजनीति अपना अलग महत्व रखती है. बिहार में इसे सयासी संक्रांति भी कहा जाता है. खासकर लालू प्रसाद के सीएम रहने के दौरान उनके आवास पर चूड़ा-दही के भोज को लोग खूब याद करते हैं. महागठबंधन में रहने के दौरान भी इस भोज में लालू ने अपने आवास पर नीतीश को दही का तिलक लगाया था और इस तस्वीर ने पूरे देश दुनिया में सुर्खियां बटोरी थीं. नीतीश तो आज भी सियासी संक्रांति के भोज का आनंद उठा रहे हैं, लेकिन जब से लालू प्रसाद जेल गए लालू-राबड़ी आवास सूना हो गया. हालांकि राजनीतिक गलियारों में सियासी संक्रांति की हलचल कम नहीं हुई.