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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्णः चिराग पासवान - NCP

एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. चिराग ने इशारों ही इशारों में महाराष्ट्र के सियासी दलों पर निशाना साधा है.

चिराग पासवान
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Published : Nov 12, 2019, 10:16 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 10:55 PM IST

पटनाः महाराष्ट्र में जारी सियासी गतिरोध के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी. जिस पर राजनीतिक दल के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. केंद्र में एनडीए की सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर इस फैसले पर हैरानी जताई है.

चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता ने एनडीए सरकार बनाने का जनादेश दिया था. अपनी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार नहीं बनने देना दुखद है.

  • महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण।जनता ने एन॰डी॰ए॰ सरकार बनाने का जनादेश दिया था।अपनी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार न बनने देना दुखद।

    — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) November 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि, चिराग के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एलजेपी झारखंड में बीजेपी के साथ गठबंधन कर अपने उम्मीदवार उतारनी चाहती थी. लेकिन बीजेपी की तरफ से कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिलने पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कहीं ये बात उस ओर तो इशारा नहीं है.

राष्ट्रपति शासन की मिली मंजूरी
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए लगाया गया है, लेकिन सरकार किसी भी समय फैसले की समीक्षा कर सकती है. माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सरकार गठन से इनकार किए जाने के बाद दोनों दलों की ओर से सरकार गठन पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की. हालांकि, NCP के पास सरकार गठन का दावा करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक का समय था.

यह भी पढ़ेः 'परिवारवाद के मोह में फंसकर शिवसेना को न माया मिली न राम'- BJP

शिव सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
दूसरी तरफ शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है. इस मामले पर शिवसेना का कहना है कि उसे दावा पेश करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया. जबकि बीजेपी को 48 घंटे का समय मिला था. शिवसेना ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को चुनौती दी है.

पटनाः महाराष्ट्र में जारी सियासी गतिरोध के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी. जिस पर राजनीतिक दल के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. केंद्र में एनडीए की सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर इस फैसले पर हैरानी जताई है.

चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता ने एनडीए सरकार बनाने का जनादेश दिया था. अपनी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार नहीं बनने देना दुखद है.

  • महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण।जनता ने एन॰डी॰ए॰ सरकार बनाने का जनादेश दिया था।अपनी अपनी महत्वाकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार न बनने देना दुखद।

    — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) November 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि, चिराग के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एलजेपी झारखंड में बीजेपी के साथ गठबंधन कर अपने उम्मीदवार उतारनी चाहती थी. लेकिन बीजेपी की तरफ से कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिलने पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कहीं ये बात उस ओर तो इशारा नहीं है.

राष्ट्रपति शासन की मिली मंजूरी
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए लगाया गया है, लेकिन सरकार किसी भी समय फैसले की समीक्षा कर सकती है. माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सरकार गठन से इनकार किए जाने के बाद दोनों दलों की ओर से सरकार गठन पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की. हालांकि, NCP के पास सरकार गठन का दावा करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक का समय था.

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शिव सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
दूसरी तरफ शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है. इस मामले पर शिवसेना का कहना है कि उसे दावा पेश करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया. जबकि बीजेपी को 48 घंटे का समय मिला था. शिवसेना ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को चुनौती दी है.

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Last Updated : Nov 12, 2019, 10:55 PM IST
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