पटना: नए संसद भवन का 18 मई को उद्घाटन समारोह है. वहीं कई विपक्षी दलों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है. वहीं नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नए भवन की कोई जरूरत नहीं थी. ये लोग देश का इतिहास बदलना चाहते हैं. इसको लेकर जमुई सांसद सह लोजपा रामविलास प्रमुख चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पूछा कि बिहार विधानमंडल का विस्तार करने की जरूरत क्यों थी? नए संसद भवन की लंबे समय से जरूरत है. सीएम भी उस वक्त केंद्र में थे और यूपीए सरकार में भी इसको लेकर कई बार चर्चा हुई थी.
चिराग पासवान का सीएम नीतीश पर हमला: चिराग पासवान ने कहा कि नए संसद भवन की मांग भाजपा या एनडीए नहीं कर रही थी. मैं भी दूसरी बार सांसद बना हूं. 2014 में भी मांग उठ रही थी. आधुनिक प्रणालियों को धरातल पर उतारना है. ऐसे में एक नई संसद की जरूरत थी और इसके बाद आप आज विरोध कर रहे हैं. जब नई संसद आपको मिलने जा रही है, एक आधुनिक तौर-तरीके से नई भारत को नई संसद जब मिलने जा रही है तो फिर विरोध क्यों कर रहे हैं. आप (नीतीश कुमार) व्यक्ति विशेष का विरोध करते-करते संस्थाओं का भी विरोध करने लग जाते हैं. सीएम नीतीश को बिहार के इतिहास की चिंता करनी चाहिए.
"आज नीतीश कुमार को याद आ रहा है जब खुद बिहार विधानमंडल के विस्तारीकरण को करने गए थे उस वक्त वो राजपाल को भूल गए थे. उस वक्त महामहिम राज्यपाल नीतीश कुमार को याद नहीं आ रहे थे. 2016 में उन्होंने बिहार विधानमंडल का उद्घाटन किया था. 19 नवंबर को उद्घाटन किया गया था उस वक्त राज्यपाल की इनको याद नहीं आई. मुझे बताएं देश के जितने विपक्षी दल या विपक्षी पार्टियां है वह स्वीकार करें कि उन सब ने कोई गलती नहीं की है."- चिराग पासवान, जमुई सांसद
'लोकतंत्र और संस्थाओं का विरोध': एक नई संसद की सभी को जरूरत थी. एक नए पड़ाव की ओर भारत बढ़ रहा है. इतिहास में एक नए पड़ाव को हम दर्ज करने जा रहे हैं. ऐसे में इसका विरोध किस बात को लेकर किया जा रहा है. व्यक्ति विशेष का विरोध करते करते लोकतंत्र और संस्थाओं का विरोध करने लगे.मुख्यमंत्री जवाब दें क्यों उन्होंने राज्यपाल को नहीं बुलाया जब वह बिहार विधानमंडल का उद्घाटन कर रहे थे. आज वह अपनी गलती स्वीकार करें तभी उनका विरोध करना जायज होगा. अगर बहिष्कार ही करना है तो पूर्ण बहिष्कार कीजिए अपने तमाम सांसदों को बोलिए कि इस्तीफा दे दें. सिर्फ दिखावे के लिए विरोध किया जा रहा है.
'बिहार और बिहारियों का भी विरोध': नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए है इसको लेकर चिराग पासवान ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का विरोध करते करते बिहार और बिहारियों का भी विरोध करने लगे हैं. नीति आयोग की एक बैठक अहम होती है, जहां पर जाकर मुख्यमंत्री बिहार और बिहारियों के लिए तमाम तरीके की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर केंद्र से बात कर सकते हैं. लेकिन चुनाव आते ही सीएम विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाते हैं. जबकि इस मुद्दे के लिए सही जगह नीति आयोग की बैठक है.