पटना: एक तरफ जहां एईएस बीमारी से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. वहीं, दूसरी ओर बिहार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय विदेश दौरे पर हैं और विभाग के प्रधान सचिव भी उनके साथ हैं और जो प्रभार में हैं उनके पास ना तो मरने वाले बच्चों की कोई जानकारी है न हीं कितने मरीज इस बीमारी से इलाज के लिए भर्ती कराए गए हैं इसकी जानकारी है.
प्रभारी निदेशक डॉ उदय गुप्ता के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने 12 जिलों में दवा और उपकरण भेज दिया है. लेकिन एईएस से मरने वाले बच्चों की कोई जानकारी मुख्यालय के पास नहीं आई है. बता दें कि मुजफ्फरपुर में 15 से अधिक बच्चों की इससे मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में बच्चे इलाज के लिए भर्ती भी कराए गए हैं. लेकिन इस बीमारी को लेकर विभाग ने मुख्यालय से कोई टीम अभी तक नहीं भेजी है.
प्रशासन की लापरवाही
हर साल इस बीमारी से बच्चे मरते हैं और सरकार तब जगती है जब मरने वाले बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है. उसके बाद सरकार कई तरह के उपाय करने के दावे करती हैं लेकिन मौसम बदलने के साथ ही अपने आप इस बीमारी पर नियंत्रण हो जाता है और सरकार भी भूल जाती है.
हर गर्मी में कहर ढाती है ये बीमारी
गर्मी के महीने में ये बीमारी फिर से अपना कहर दिखाने लगती है. इस बार भी एईएस ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और सरकार इसको लेकर अभी तक पूरी तरह से लापरवाह है.