पटना : जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के बगावती तेवर देखकर जेडीयू तो हमलावर है ही, खुद सीएम नीतीश कुमार ने भी उनको लेकर दूसरी बार हमला बोला है. पार्टी में हिस्सा मांगने वाले सवाल को सुनते ही सीएम नीतीश कुमार ने अपना माथा पीट लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो पार्टी में रहें या कहीं और जाएं ये उनकी इच्छा है. लेकिन जिस तरह से वो पार्टी में आए कार्यकर्ताओं ने उनको इज्जत दी वो ऐसे ट्वीट न करें, उन्हें बात करनी है तो वो पार्टी फोरम पर अपनी बात रखें, कोई मीडिया में अपनी इसतरह से बात नहीं रखता.
ये भी पढ़ें- Upendra Kushwaha Vs Nitish: ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर..?, CM नीतीश को कुशवाहा का करारा जवाब
"कोई इस तरह मीडिया में ट्वीट करके बात नहीं करता. इसके लिए पार्टी फोरम पर उनको बात रखनी चाहिए. वो पार्टी में आए तो उनका हम लोगों ने स्वागत किया, वो रहें या कहीं और जाएं ये उनकी इच्छा है. लेकिन इस तरह से मीडिया में या ट्वीट करना ठीक बात नहीं है. उनकी क्या मंशा है ये तो वो ही जानते हैं. उन्हें हमसे बात करनी चाहिए." - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
कुशवाहा के ट्वीट पर नीतीश को ऐतराज : बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले कुछ दिनों से उथपुथल मचाकर रखा हुआ है. कभी महागठबंधन में डील की बात तो कभी सीएम नीतीश को कमजोर करने के बयानों ने जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व को परेशानी में डाल रखा है. सीएम नीतीश ने जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा के हिस्सा मांगने वाले ट्वीट पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि मीडिया में या इसतरह ट्वीट करना ठीक नहीं है. उन्हे बात करनी चाहिए.
उपेन्द्र पर जेडीयू के तेवर गरम: इधर, उपेन्द्र कुशवाहा के ट्वीट के बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष एकदम फायर हैं. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा को इस्तीफा दे देने की नैतिकता का पाठ भी सिखाया और कहा कि जरा भी शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें इस्तीफा देने को तो नहीं कहा लेकिन उन्हें पार्टी में बने रहना है कि नहीं ये फैसला उपेन्द्र कुशवाहा पर ही छोड़ रखा है.
'डील' पर अटकी है उपेन्द्र कुशवाहा की सियासत? : साफ है उपेंद्र कुशावाह की मंशा आसानी से जेडीयू को छोड़ने की नहीं दिखती है. उनके बयान और ट्वीट यही संदेश दे रहे हैं. क्योंकि कुछ दिन पहले जब कुशवाहा से उपमुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने खुशी जताई थी. हालांकि तब सीएम ने फालतू बात बोलकर उपेंद्र कुशवाहा के सपनों को तोड़ दिया था. अब सवाल उठता है कि उपेंद्र कुशवाहा किस हिस्से और हक की बात कर रहे हैं.