पटना: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज नहाए खाए से शुरू हो चुकी है. सभी छठव्रतियों ने सुबह से ही गंगा घाटों पर पहुंचकर स्नान ध्यान किया और फिर भगवान भास्कर को गंगाजल से अर्घ्य दिया गया.
पटना के गंगा घाटों पर छठव्रतियों की भीड़: साथ ही गंगा का जल लेकर छठव्रती अपने-अपने घरों को रवाना हुए. दरअसल गंगा जल, चावल, दाल, सब्जी और कई प्रकार के पकवान से नहाय-खाय के दिन भगवान भास्कर का पूजा की जाती है. इधर छठव्रतियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से कार्य कर रहा है और गंगा घाटों को पूरी तरह से दुरुस्त कर सार्वजनिक कर दिया है.
"छठ की शुरुआत हो गयी है. पहले दिन को नहाय खाय कहते हैं. भगवान सूर्य और छठी मईया का आह्वान करने के लिए खुद को शुद्धतापूर्ण तैयार किया जाता है. कल खरना होगा. सूर्य भगवान की बहन षष्ठी माता की पूजा की जाती है. हम बिहारवासी उगते हुए सूर्य के साथ ही ढलते हुए सूर्य की भी पूजा करते हैं." - उर्मिला मिश्रा-छठव्रती
पवित्रता और शुद्धता का रखा जाता है खास ख्याल: बता दें कि नहाय खाय के दिन छठ व्रती शुद्धता का पूरा ख्याल रखते हैं. पहले दिन छठव्रती आम के दातुन से मुंह साफ करते हैं. उसके बाद गंगा स्नान कर गंगा की पूजा करते हैं या फिर आसपास में जो नदी तालाब होता है, वहां स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं. नहाय खाय के अगले दिन खरना किया जाएगा.
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