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महापर्व का आगाज, पटना में छठ गीतों से भक्तिमय हुआ गंगा घाट

शहर के तमाम घाटों का दृश्य काफी मनमोहक और भक्तिमय हो चुका है. पूरा घाट डगरा, सूप, भखरा सिंदूर, फल और पूजा की कई सामग्रियों से पट चुका है.

छठव्रती
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Published : Oct 31, 2019, 3:03 PM IST

पटनाः लोक आस्था का महापर्व छठपूजा गुरुवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया. सुबह से ही छठव्रती गंगा घाट पर जमा होने लगे. सभी छठव्रती गंगा में स्नान कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर गंगा जल से प्रसाद बनाकर भोग लगाएगें.

patna
छठव्रती

सब्जी और चावल खाकर शुरू हुआ उपवास
4 दिनों तक चलने वाला बिहार का यह खास त्योहार नहाय-खाय से शुरू होता है. छठ के पहले दिन नहाय-खाय के लिए महिलाएं घाटों पर पहुंचकर गंगा स्नान करती हैं. छठव्रती कद्दू की सब्जी और चावल खाकर उपवास शुरू करती हैं. व्रतियों का यह उपवास आखिरी दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खत्म होता है. छठव्रती 36 घण्टे का निर्जला व्रत करके भास्कर की आराधना करते हैं.

patna
छठ घाटों पर नगाड़ा बजाता बुजुर्ग

पूजा की कई सामग्रियों से पट चुका है घाट
शहर के तमाम घाटों का दृश्य काफी मनमोहक और भक्तिमय हो चुका है. पूरा घाट डगरा, सूप, भखरा सिंदूर, फल और पूजा की कई सामग्रियों से पट चुका है. आपस में मिलकर गाए जाने वाले छठ के सुरीले गीत कानों में रस घोल रहे हैं. छठ घाट पर आपसी सोहार्द का यह नाजारा शायद ही किसी दूसरे पर्व में देखने को मिलता हो.

घाटों पर पहुंचे छठव्रती और जानकारी देती महिलाएं

पटनाः लोक आस्था का महापर्व छठपूजा गुरुवार को नहाय-खाय से शुरू हो गया. सुबह से ही छठव्रती गंगा घाट पर जमा होने लगे. सभी छठव्रती गंगा में स्नान कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर गंगा जल से प्रसाद बनाकर भोग लगाएगें.

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छठव्रती

सब्जी और चावल खाकर शुरू हुआ उपवास
4 दिनों तक चलने वाला बिहार का यह खास त्योहार नहाय-खाय से शुरू होता है. छठ के पहले दिन नहाय-खाय के लिए महिलाएं घाटों पर पहुंचकर गंगा स्नान करती हैं. छठव्रती कद्दू की सब्जी और चावल खाकर उपवास शुरू करती हैं. व्रतियों का यह उपवास आखिरी दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खत्म होता है. छठव्रती 36 घण्टे का निर्जला व्रत करके भास्कर की आराधना करते हैं.

patna
छठ घाटों पर नगाड़ा बजाता बुजुर्ग

पूजा की कई सामग्रियों से पट चुका है घाट
शहर के तमाम घाटों का दृश्य काफी मनमोहक और भक्तिमय हो चुका है. पूरा घाट डगरा, सूप, भखरा सिंदूर, फल और पूजा की कई सामग्रियों से पट चुका है. आपस में मिलकर गाए जाने वाले छठ के सुरीले गीत कानों में रस घोल रहे हैं. छठ घाट पर आपसी सोहार्द का यह नाजारा शायद ही किसी दूसरे पर्व में देखने को मिलता हो.

घाटों पर पहुंचे छठव्रती और जानकारी देती महिलाएं
Intro:चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व छठपूजा आज से नहाय-खाय के रूप में शुरू हो गया है।आज सभी छठव्रती सुवह से ही गंगा में स्नान कर भगवान भाष्कर यानी सूर्य को अर्ग देकर गंगा जल से प्रसाद बनाकर भोग लगायेगी।


Body:स्टोरी:-नहाय-खाय पूजन।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-31-10-019.
एंकर:-पटना सिटी,चार दिनों तक चलने बाला लोकआस्था का महापर्व छठपूजा आज नहाय-खाय से शुरू हो गया है।सुवह से ही सभी छठव्रती गंगा में स्नान कर भगवान भाष्कर यानी सूर्य को अर्ग देकर उनका ध्यान कर पूजा सफल की कामना करती है।गंगा जल से आज सभी छठव्रती नहाय-खाय का पूजा आरंभ कर अरवा चबाल, चना कद्दू का दाल,सब्जी,अगस्त का फूल का पकौड़ा समेत कई स्वादिष्ट भोजन प्रसाद के रूप में बनता है,और इसी प्रसाद का भोग लगाकर लोक आस्था का महापर्व छठपूजा का शुरुआत करती है और 36 घण्टा का निर्जला व्रत कर भगवान भास्कर से मंगल कामना की आराधना करती है।गंगा में स्नान कर माँ छठी की पारपंरिक गीत गाकर भगवान सूर्य को प्रसन्न करते है।
बाईट( छठव्रती)


Conclusion:चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व छठपूजा आज से नहाय-खाय के रूप में शुरू हो गया है।आज सभी छठव्रती सुवह से ही गंगा में स्नान कर भगवान भाष्कर यानी सूर्य को अर्ग देकर गंगा जल से प्रसाद बनाकर भोग लगायेगी।
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