पटनाः आगामी बिहार विधानसभा चुनाव बीजेपी और जेडीयू के लिए आसान नहीं होने वाला है. एक तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी चारों ओर से सरकार पर हमला बोल रही है. वहीं, दूसरी तरफ रालोसपा, हम, वीआईपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां भी ताल ठोक रही हैं. इन सबके बीच एक और पार्टी जमीनी स्तर पर तैयारी कर रही है और सरकार को आने वाले चुनाव में चैलेंज करने का दावा कर रही है.
बदलाव की सख्त जरूरत
मिशन 243 के संस्थापक सदस्यों में से एक चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि बदलाव जब आता है तो अपने साथ सबको बहा ले जाता है. उन्होंने कहा कि 1977 और 2005 में जब व्यवस्था परिवर्तन हुआ था, उस समय बहुत मजबूत दलों की सरकार थी. कुछ वैसी ही स्थिति आज भी है. लेकिन लोग बदलाव की सख्त जरूरत महसूस कर रहे हैं. भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था के कारण हम समाज के विभिन्न तबकों के लोगों को एक साथ जोड़कर इस चुनाव में सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
महिलाओं की प्रमुख भूमिका
चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि इसमें प्रमुख भूमिका महिलाओं की होगी. जिन्हें कम से कम 100 सीटों की हिस्सेदारी मिलेगी. मिशन 243 से न सिर्फ बड़ी संख्या में युवा नेता जुड़े हैं, बल्कि जेपी आंदोलन में भाग ले चुके कई प्रमुख लोग भी शामिल हैं. वही, महिलाओं के लिए काम कर रही कई संगठनों की प्रमुख महिला नेत्रियां भी मिशन 243 से जुड़ी हैं. अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि आने वाले समय में हम अपनी रणनीति और बैनर का खुलासा करेंगे. सब कुछ तैयार है, बस लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है.
असल जेपी सेनानी
राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर डीएम दिवाकर भी मिशन 243 को आने वाले चुनाव में वर्तमान सरकार के लिए एक चैलेंज के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा कि इस संगठन से जुड़े लोग असल जेपी सेनानी हैं. उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी है और वे जमीनी स्तर पर काम भी कर रहे हैं. जिसका फायदा उन्हें आने वाले चुनाव में मिलेगा. हालांकि चुनाव में अभी वक्त है. ऐसे में मिशन 243 कितना बड़ा चैलेंज दे पाएगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.