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Cervical Problem in Youth: मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से युवाओं में बढ़ी सर्वाइकल की समस्या, जानें डॉक्टर की सलाह

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Published : May 25, 2023, 8:06 AM IST

बदलते समय के साथ खराब खानपान और तनाव भरे लाइफस्टाइल का असर सभी के सेहत पर साफ देखने को मिल रहा है. इन्हीं में से एक है युवाओं में सर्वाइकल की समस्या. इन दिनों ऑफिस में काम या ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे युवाओं में ये समस्या अक्सर देकने को मिल जाती है. आज आपको डॉक्टर की सलाह से बताएंगे कि कैसे इस से छुटकारा मिल सकता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

सर्वाइकल की समस्या
सर्वाइकल की समस्या
सर्वाइकल की समस्या से निजात

पटना: इन दिनों स्थानीय सरकारी और निजी अस्पतालो में सर्वाइकल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्पताल में रोज सैकड़ों की संख्या में सर्वाइकल की तकलीफ से संबंधित मरीज जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. अस्पताल के डॉक्टर्स भी इन आंकड़ों को देखकर हैरान हैं. इतनी अधिक संख्या में ऐसे मरीज क्यों आ रहे हैं ये सभी को परेशान करने वाला है. इनमें अधिकतर पेशेंट अपनी गर्दन में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं. वहीं कुछ बाजू के दर्द से भी तकलीफ में रहते हैं.

पढ़ें-Body Pain: गर्दन में दर्द के साथ शरीर की ये परेशानियां बढ़ा सकती हैं मुश्किलें, जानें डॉक्टर की सलाह

क्या कहते हैं डॉक्टर?: हड्डियों के रोग के विशेषज्ञ डॉ. महेश प्रसाद ने बताया कि लोगों को सर्वाइकल की समस्या से सबसे अधिक परेशानी हो रही है. खासकर के युवा वर्ग में ज्यादा देखने को मिल रहा है. आजकल के युग में हम लोग 24 घंटे इंटरनेट से जुड़े रहते हैं. युवा वर्ग मोबाइल में इंटरटेनमेंट एजुकेशन या फिर किसी अन्य कार्य की वजह से लगे रहते हैं. जब हम लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उसका नुकसान हमें पता नहीं रहता है लेकिन वह चीज हमें अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाती है. आजकल के दिनचर्या में मोबाइल लोगों का एक हिस्सा बन चुका है, हालांकि स्वास्थ्य भी सभी के लिए बेहद जरूरी है, हमे इस पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए.

"लोगों को सर्वाइकल की समस्या से सबसे अधिक परेशानी हो रही है. खासकर के युवा वर्ग में ज्यादा देखने को मिल रहा है. आजकल के युग में हम लोग 24 घंटे इंटरनेट से जुड़े रहते हैं. युवा वर्ग मोबाइल में इंटरटेनमेंट एजुकेशन या फिर किसी अन्य कार्य की वजह से लगे रहते हैं. जब हम लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उसका नुकसान हमें पता नहीं रहता है लेकिन वह चीज हमें अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाती है." -डॉक्टर महेश प्रसाद, हड्डी विशेषज्ञ

एक्सरसाइज को दिनचर्या में करें शामिल: कोरोना काल के बाद युवाओं के लाइफस्टाइल में मोबाइल की वजह से कई बदलाव आए हैं. इस दौर के बाद ज्यादार चीजें ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर आ गई है. अगर हम सर्वाइकल समस्या के लेवल पर बात करें तो गर्दन झुका कर जब हम मोबाइल पर काम करते हैं तो सर्वाइकल पर ज्यादा स्ट्रेन पड़ता है. इस स्ट्रेन की वजह से मसल्स में कमजोरी होती है. जिस वजह से आगे चलकर विकलांगता भी हो सकती है. डॉ प्रसाद ने कहा कि जब इसके शुरुआती लक्षण दिखे तभी इसे पहचान कर और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इस चीज का निदान है, आप मोबाइल देखें लेकिन कम से कम अपने दिनचर्या में मोबाइल के इस्तेमाल को कम करें और एक्सरसाइज को भी उतना ही स्थान दें.

सर्वाइकल की समस्या से निजात

पटना: इन दिनों स्थानीय सरकारी और निजी अस्पतालो में सर्वाइकल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्पताल में रोज सैकड़ों की संख्या में सर्वाइकल की तकलीफ से संबंधित मरीज जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. अस्पताल के डॉक्टर्स भी इन आंकड़ों को देखकर हैरान हैं. इतनी अधिक संख्या में ऐसे मरीज क्यों आ रहे हैं ये सभी को परेशान करने वाला है. इनमें अधिकतर पेशेंट अपनी गर्दन में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं. वहीं कुछ बाजू के दर्द से भी तकलीफ में रहते हैं.

पढ़ें-Body Pain: गर्दन में दर्द के साथ शरीर की ये परेशानियां बढ़ा सकती हैं मुश्किलें, जानें डॉक्टर की सलाह

क्या कहते हैं डॉक्टर?: हड्डियों के रोग के विशेषज्ञ डॉ. महेश प्रसाद ने बताया कि लोगों को सर्वाइकल की समस्या से सबसे अधिक परेशानी हो रही है. खासकर के युवा वर्ग में ज्यादा देखने को मिल रहा है. आजकल के युग में हम लोग 24 घंटे इंटरनेट से जुड़े रहते हैं. युवा वर्ग मोबाइल में इंटरटेनमेंट एजुकेशन या फिर किसी अन्य कार्य की वजह से लगे रहते हैं. जब हम लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उसका नुकसान हमें पता नहीं रहता है लेकिन वह चीज हमें अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाती है. आजकल के दिनचर्या में मोबाइल लोगों का एक हिस्सा बन चुका है, हालांकि स्वास्थ्य भी सभी के लिए बेहद जरूरी है, हमे इस पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए.

"लोगों को सर्वाइकल की समस्या से सबसे अधिक परेशानी हो रही है. खासकर के युवा वर्ग में ज्यादा देखने को मिल रहा है. आजकल के युग में हम लोग 24 घंटे इंटरनेट से जुड़े रहते हैं. युवा वर्ग मोबाइल में इंटरटेनमेंट एजुकेशन या फिर किसी अन्य कार्य की वजह से लगे रहते हैं. जब हम लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उसका नुकसान हमें पता नहीं रहता है लेकिन वह चीज हमें अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाती है." -डॉक्टर महेश प्रसाद, हड्डी विशेषज्ञ

एक्सरसाइज को दिनचर्या में करें शामिल: कोरोना काल के बाद युवाओं के लाइफस्टाइल में मोबाइल की वजह से कई बदलाव आए हैं. इस दौर के बाद ज्यादार चीजें ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर आ गई है. अगर हम सर्वाइकल समस्या के लेवल पर बात करें तो गर्दन झुका कर जब हम मोबाइल पर काम करते हैं तो सर्वाइकल पर ज्यादा स्ट्रेन पड़ता है. इस स्ट्रेन की वजह से मसल्स में कमजोरी होती है. जिस वजह से आगे चलकर विकलांगता भी हो सकती है. डॉ प्रसाद ने कहा कि जब इसके शुरुआती लक्षण दिखे तभी इसे पहचान कर और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इस चीज का निदान है, आप मोबाइल देखें लेकिन कम से कम अपने दिनचर्या में मोबाइल के इस्तेमाल को कम करें और एक्सरसाइज को भी उतना ही स्थान दें.

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