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'शराब नहीं पीने' की शपथ लेकर मनायी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की जयंती

पटना में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. दानापुर में भी अटल जी की याद में समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें लोगों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली. पढ़ें पूरी खबर

दानापुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन
दानापुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन
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Published : Dec 25, 2022, 10:38 PM IST

पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी का जन्मदिन

पटना: राजधानी पटना से सटे दानापुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 98वीं जयंती (Birthday Of Former PM Atal Bihari Vajpayee) के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भाजपा नेता सह समाजसेवी शंकर सिंह के नेतृत्व में किए गए इस कार्यक्रम में शामिल लोगों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली. पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया.

यह भी पढ़ें: अटल जी की जयंती पर विशेषः जानिए क्यों वे खुद को कहते थे 'बिहारी'

माल्यापर्ण कर अटल जी को किया याद: भाजपा नेता शंकर सिंह (BJP leader Shankar Singh) के मैनपुरा स्थित उनके आवास पर हुए कार्यक्रम में सबसे पहले स्वर्गीय बाजपेयी के तैल चित्र पर तिलक और माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान समाज सेवी पूनम देवी ने कार्यकर्ताओं साथ उनके चित्र के सामने शराब और नशा नहीं करने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की शपथ ली. इसके बाद करीब 500 जरूरत मंदों के बीच कंबल वितरित की गयी.

यह भी पढ़ें: 'अटल बिहारी वाजपेयी को कभी भुलाया नहीं जा सकता', जयंती पर CM नीतीश ने किया याद

अटल जी राजनीति के बेमिसाल साधक: इस अवसर पर शंकर सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सच्चे आदर्शों पर चलने वाले देश के प्रहरी के साथ की प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि और राजनीति के बेमिसाल साधक थे. उन्होंने लोगों से उनके बताएं मार्ग पर चलने की अपील की. कार्यक्रम में विशेष रूप से भाजपा उपाध्यक्ष भानु सिंह, पिन्टू सिंह, सुभाष कुमार, भाजपा युवा अध्यक्ष सुर्या सिंह उर्फ गोलू, सुनील कुमार, लालसा देवी, सत्यवंन्ती देवी, शुभम वर्मा, राहुल कुमार और पंकज कुमार सहित अन्य लोग शामिल हुए थे.

पूर्व पीएम वाजपेयी की उपलब्धिः राजनीतिक जीवन में अटल जी ने सुचिता और नैतिकता का पालन किया वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे 1968 से 1973 तक अटल बिहारी बाजपेई जन संघ के अध्यक्ष भी रहे. उन्होंने राष्ट्रधर्म पंचजन्य वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया. चार दशक तक भारत की राजनीति के केंद्र में रहने वाले अटल बिहारी बाजपेयी ने अपनी वाकपटुता से विरोधियों का भी दिल जीतने का काम किया. अटल बिहारी बाजपेयी 10 बार लोकसभा के लिए चुने गए दो बार उन्हें राज्यसभा जाने का अवसर मिला. आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने वाले अटल बिहारी बाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हुए, जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.

पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी का जन्मदिन

पटना: राजधानी पटना से सटे दानापुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 98वीं जयंती (Birthday Of Former PM Atal Bihari Vajpayee) के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भाजपा नेता सह समाजसेवी शंकर सिंह के नेतृत्व में किए गए इस कार्यक्रम में शामिल लोगों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली. पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया.

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माल्यापर्ण कर अटल जी को किया याद: भाजपा नेता शंकर सिंह (BJP leader Shankar Singh) के मैनपुरा स्थित उनके आवास पर हुए कार्यक्रम में सबसे पहले स्वर्गीय बाजपेयी के तैल चित्र पर तिलक और माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान समाज सेवी पूनम देवी ने कार्यकर्ताओं साथ उनके चित्र के सामने शराब और नशा नहीं करने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की शपथ ली. इसके बाद करीब 500 जरूरत मंदों के बीच कंबल वितरित की गयी.

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अटल जी राजनीति के बेमिसाल साधक: इस अवसर पर शंकर सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सच्चे आदर्शों पर चलने वाले देश के प्रहरी के साथ की प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि और राजनीति के बेमिसाल साधक थे. उन्होंने लोगों से उनके बताएं मार्ग पर चलने की अपील की. कार्यक्रम में विशेष रूप से भाजपा उपाध्यक्ष भानु सिंह, पिन्टू सिंह, सुभाष कुमार, भाजपा युवा अध्यक्ष सुर्या सिंह उर्फ गोलू, सुनील कुमार, लालसा देवी, सत्यवंन्ती देवी, शुभम वर्मा, राहुल कुमार और पंकज कुमार सहित अन्य लोग शामिल हुए थे.

पूर्व पीएम वाजपेयी की उपलब्धिः राजनीतिक जीवन में अटल जी ने सुचिता और नैतिकता का पालन किया वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे 1968 से 1973 तक अटल बिहारी बाजपेई जन संघ के अध्यक्ष भी रहे. उन्होंने राष्ट्रधर्म पंचजन्य वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया. चार दशक तक भारत की राजनीति के केंद्र में रहने वाले अटल बिहारी बाजपेयी ने अपनी वाकपटुता से विरोधियों का भी दिल जीतने का काम किया. अटल बिहारी बाजपेयी 10 बार लोकसभा के लिए चुने गए दो बार उन्हें राज्यसभा जाने का अवसर मिला. आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने वाले अटल बिहारी बाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हुए, जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.

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