पटना: प्रदेशभर में बिहार दारोगा की लिखित परीक्षा को लेकर विरोध-प्रदर्शन जारी है. इसको लेकर राजधानी के प्रतिष्ठित शिक्षक गुरु रहमान ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व की भर्ती में 17 सौ 17 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. इसका कट ऑफ 53.4 गया था. लेकिन इस बार की परीक्षा में कट ऑफ 66.1 चला गया. कटऑफ में अनायास इतनी वृद्धि अपने आप सवालों के घेरे में है.
'यूपीएससी का इंटरव्यू दे चुके अभ्यर्थी हुए फेल'
डॉ रहमान ने बताया कि दारोगा बहाली की लिखित परीक्षा की पारदर्शिता सवालों के घेरे में है. वह दारोगा परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के साथ हैं. अभ्यर्थियों की मांग जायज है. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा की सीबीआई जांच होनी चाहिए. डॉ रहमान ने कहा कि कई ऐसे अभ्यर्थी जो बीपीएससी और यूपीएससी का इंटरव्यू दे चुके हैं वह दारोगा की पीटी परीक्षा में फेल हो गए हैं. 66.1 कटऑफ जाना औचित्य हीन लगता है.
'परीक्षा में होम सेंटर नहीं होना चाहिए'
डॉ रहमान रहमान ने कहा कि पहले दारोगा बहाली के लिए फिजिकल होता था उसके बाद लिखित परीक्षा होती थी. लेकिन इस बार पहले लिखित परीक्षा लिया गया. परीक्षा में होम सेंटर की भी व्यवस्था की गई. उन्होंने कहा कि दारोगा परीक्षा में होम सेंटर नहीं होना चाहिए और बहाली के लिए पहले फिजिकल होना चाहिए बाद में लिखित परीक्षा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लगभग सभी परीक्षाएं हाईटेक तरीके से हो रहे हैं. ऐसे में दारोगा बहाली हो या फिर एसटीइटी या सिपाही भर्ती की परीक्षा. ये सभी परीक्षाएं भी ऑनलाइन होने चाहिए. डॉ रहमान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों के बीच सुशासन बाबू की छवी रखते हैं. इसलिए सीएम छात्रों की मांग पर परीक्षा की एकबार सीबीआई जांच कराएं.