पटना: नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में सीबीआई की ओर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट फाइल हुई है. इसे लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जब दो बार सीबीआई जांच करके बता चुकी है कि इसमें कुछ नहीं है, तो फिर अब चार्जशीट कैसे लग गया. 2022 के अगस्त में महागठबंधन में हम लोग शामिल हुए, तब से यह काम शुरू हुआ है. बीजेपी की केंद्र सरकार की ओर से पालतू तोते का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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'एनसीपी नेता 70 लाख करोड़ के घोटाले में फंसे हैं': जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आश्चर्य है कि एक तरफ प्रधानमंत्री 5 दिन पहले कह रहे थे पूरे एनसीपी के जो नेता हैं, 70 लाख करोड़ के घोटाले में फंसे हैं लेकिन अब वे भाजपा के मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं. दूसरी तरफ तेजस्वी यादव महागठबंधन में हैं, उन आरोपों पर जिसकी सीबीआई जांच कर खारिज कर चुकी है. कह चुकी है कि कुछ नहीं है, उसमें चार्जशीट दाखिल किया जा रहा है. केंद्र की सरकार क्या कर रही है, देश की जनता सब देख रही है.
"क्या कर रही है केंद्र की सरकार देश की जनता सब देख रही है. आप एक तरफ भ्रष्टाचारियों को सम्मानित कर वाशिंग मशीन में धुलवा रहे हैं. दूसरी तरफ महागठबंधन के विपक्षी एकजुटता में पूरी मजबूती के साथ खड़ा है उस पर चार्जशीट दायर कर रहे हैं डराने धमकाने की कोशिश हैं. तेजस्वी यादव को पहले से पता था बातचीत में कहते थे यही होना है. विपक्ष के नेताओं को डरा धमका कर फंसाने की कोशिश हो रही है तो लोकतंत्र कहां बचा है केंद्रीय एजेंसियों और संवैधानिक संस्था पर उनका कब्जा है. 2024 में देश की जनता हिसाब कर देगी"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
12 जुलाई को होगी इस मामले पर सुनवाई: आपको बता दें कि जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सहित लालू परिवार के कई सदस्यों पर पहले से आरोप है, अब तेजस्वी यादव का नाम भी उसमें शामिल किया गया है. इस मामले में 12 जुलाई को सुनवाई होनी है, फिलहाल तेजस्वी यादव बिहार से बाहर विदेश दौरे पर हैं, ऐसे में देखना है उनके लौटने पर क्या कुछ कार्रवाई होती है.
तेजस्वी यादव को पद से हटाने की मांग: फिलहाल सीबीआई की ओर से चार्जशीट में तेजस्वी यादव का नाम शामिल किए जाने के बाद जहां बीजेपी नेताओं की तरफ से नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को हटाने की मांग शुरू हो गई है, वहीं आरजेडी और महागठबंधन के अन्य घटक दल इसे डराने धमकाने की कोशिश बता रहे हैं.