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Bihar Caste Census: विदेशों में रहने वाले लोगों की भी जातीय जनगणना, वीडियो कॉल से हो रहा संपर्क

Bihar News राज्य से लेकर विदेश में रह रहे लोगों का भी जातीय जनगणना की जा रही है. विदेश में रहने वाले लोगों से वीडियो कॉल करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इसमें यह भी अंकित किया जा रहा है कि वह किस देश में रह रहे हैं. नीतीश सरकार बिहार में दो फेज में जातीय जनगणना करा रही है. दूसरा फेज 17 अप्रैल से शुरू हो गया है. पढ़ें पूरी खबर

पटना में दूसरे फेज का जातीय जनगणना
पटना में दूसरे फेज का जातीय जनगणना
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Published : Apr 19, 2023, 4:42 PM IST

Updated : Apr 19, 2023, 4:56 PM IST

पटना में दूसरे फेज का जातीय जनगणना

पटना: बिहार में 15 अप्रैल से जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो गया (caste based census started) है. दूसरे फेज में विदेश में रह रहे लोगों की भी जातीय जनगणना की जा रही है. ऐसे लोगों से वीडियो कॉल करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. बुधवार जातीय जनगणना कार्य का निरीक्षण जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने किया. उन्हें पटना जिला का नोडल अधिकारी भी बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: 'आम आदमी को जातीय जनगणना से लाभ नहीं.. सिर्फ राजनेताओं को फायदा', मसौढ़ी की जनता की राय

"बिहार में दूसरे फेज का जाति जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो गया. राज्य से लेकर देश से बाहर रह रहे लोगों की भी जनगणना की जा रही है. ऐसे लोगों से वीडियो कॉल करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. अभी तक 65 हजार परिवारों का गणना किया जा चुका है."- डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी सह नोडल अधिकारी, पटना

65 हजार परिवारों का जनगणना पूरा: बैंक रोड में शिक्षकों द्वारा जातीय जनगणना कार्य का नोडल अधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को निरीक्षण किया. अभी तक 65 हजार परिवारों का जनगणना किया जा चुका है. पटना नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले फेज में हमने परिवार के संख्या की गणना की थी. जिसमें कितने सदस्य हैं और कितने घर हैं. इसका डाटा बनाया गया था. दूसरे फेज में हम लोग परिवार के सभी सदस्य का पूरा डिटेल ले रहे हैं. उसमें उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि भी पूछी जा रही है.

एक परिवार का जनगणना में लग रहा 30 मिनट: जिलाधिकारी ने बताया कि एक परिवार का जनगणना करने में लगभग आधे घंटे का समय लग रहा है, लेकिन हम लोग शुद्धता पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ताकि किसी भी परिवार का डाटा गलत न मिले. जिलाधिकारी ने बताया कि दो फॉर्म में यह गणना चल रहा है. एक हार्ड कॉपी तो एक सॉफ्ट कॉपी. सॉफ्ट कॉपी दैनिक एक ऐप है. जिस पर जो भी जानकारी परिवार का इकट्ठा किया जा रहा है. उस ऐप पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपलोड किया जा रहा है.

एक प्रपत्र में पूरे परिवार का होगा डाटा: उन्होंने बताया कि एक प्रपत्र में एक पूरे परिवार का डाटा लिखा जा सकता है. इसमें कुल 15 सदस्यों की सूची अंकित की जा सकती है. अगर कोई परिवार संयुक्त है और संख्या 15 से अधिक है तो उन्हें फिर दूसरा प्रपत्र दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और यह ध्यान रखा जा रहा है कि समयसीमा के अंदर इस कार्य को शुद्धता के साथ पूरा कर लिया जाए.

पटना में दूसरे फेज का जातीय जनगणना

पटना: बिहार में 15 अप्रैल से जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो गया (caste based census started) है. दूसरे फेज में विदेश में रह रहे लोगों की भी जातीय जनगणना की जा रही है. ऐसे लोगों से वीडियो कॉल करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. बुधवार जातीय जनगणना कार्य का निरीक्षण जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने किया. उन्हें पटना जिला का नोडल अधिकारी भी बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: 'आम आदमी को जातीय जनगणना से लाभ नहीं.. सिर्फ राजनेताओं को फायदा', मसौढ़ी की जनता की राय

"बिहार में दूसरे फेज का जाति जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो गया. राज्य से लेकर देश से बाहर रह रहे लोगों की भी जनगणना की जा रही है. ऐसे लोगों से वीडियो कॉल करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है. अभी तक 65 हजार परिवारों का गणना किया जा चुका है."- डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी सह नोडल अधिकारी, पटना

65 हजार परिवारों का जनगणना पूरा: बैंक रोड में शिक्षकों द्वारा जातीय जनगणना कार्य का नोडल अधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को निरीक्षण किया. अभी तक 65 हजार परिवारों का जनगणना किया जा चुका है. पटना नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले फेज में हमने परिवार के संख्या की गणना की थी. जिसमें कितने सदस्य हैं और कितने घर हैं. इसका डाटा बनाया गया था. दूसरे फेज में हम लोग परिवार के सभी सदस्य का पूरा डिटेल ले रहे हैं. उसमें उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि भी पूछी जा रही है.

एक परिवार का जनगणना में लग रहा 30 मिनट: जिलाधिकारी ने बताया कि एक परिवार का जनगणना करने में लगभग आधे घंटे का समय लग रहा है, लेकिन हम लोग शुद्धता पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ताकि किसी भी परिवार का डाटा गलत न मिले. जिलाधिकारी ने बताया कि दो फॉर्म में यह गणना चल रहा है. एक हार्ड कॉपी तो एक सॉफ्ट कॉपी. सॉफ्ट कॉपी दैनिक एक ऐप है. जिस पर जो भी जानकारी परिवार का इकट्ठा किया जा रहा है. उस ऐप पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपलोड किया जा रहा है.

एक प्रपत्र में पूरे परिवार का होगा डाटा: उन्होंने बताया कि एक प्रपत्र में एक पूरे परिवार का डाटा लिखा जा सकता है. इसमें कुल 15 सदस्यों की सूची अंकित की जा सकती है. अगर कोई परिवार संयुक्त है और संख्या 15 से अधिक है तो उन्हें फिर दूसरा प्रपत्र दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और यह ध्यान रखा जा रहा है कि समयसीमा के अंदर इस कार्य को शुद्धता के साथ पूरा कर लिया जाए.

Last Updated : Apr 19, 2023, 4:56 PM IST
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