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Shikshak niyojan: शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में निकलेगा कैंडल मार्च, रविवार को होगा प्रदर्शन - teacher recruitment of seventh phase

बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी ने दो अप्रैल को पूरे प्रदेश में कैंडल दो अप्रैल Candle march for demand of teacher recruitment) निकालने का निर्णय लिया है. इसकी जानकारी हार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक कुमार सत्यम ने दी. हर जिले में कैंडल मार्च निकाला जाएगा.

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Published : Apr 1, 2023, 10:40 PM IST

पटना: बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली (teacher recruitment of seventh phase) और नियमावली को लेकर अभ्यर्थी अपने अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी एक ही मांग है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द भर्ती को लेकर नियमावली को पेश करे. सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए शिक्षक संघ और अभ्यर्थी अपने अपने तरीके से प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ ने एक बड़ा फैसला किया है. रविवार को अभ्यर्थी सभी जिलों में कैंडल मार्च करेंगे.

ये भी पढ़ेंः Shikshak Niyojan: CTET-BTET अभ्यर्थियों को पुलिस ने डाकबंगला चौराहे से खदेड़ा

कैंडल मार्च निकालेंगे अभ्यर्थी: बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक कुमार सत्यम ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर हैं. इसी क्रम में रविवार दो अप्रैल को प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में राज्य के सभी 38 जिलों में कैंडल मार्च करेंगे. सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन और नियमावली में टल मटोल किए जाने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी रोष है. सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों ने यह कैंडल मार्च निकालने का फैसला लिया है.

हर दिन अभ्यर्थी अपने तरीके से कर रहे मांग: कुमार सत्यम ने यह भी कहा कि अभ्यर्थी लगातार पिछले चार सालों से सरकार से मिल रहे आश्वासन को लेकर विनती कर रहे हैं. अपनी गुहार लगाने के लिए प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के ऊपर इसका कोई असर पड़ रहा है. राज्य सरकार द्वारा नियमावली को लेकर आजकल-आजकल की नीति अपनाई जा रही है. इसके बाद शिक्षक अभ्यर्थी अब अपना धैर्य खो रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त हैं. पदों के रिक्त होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी सीधा असर पड़ रहा है.

जुलाई 2022 में ही विज्ञप्ति जारी करने की हुई थी बातः रविवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन में राज्य के सीटीईटी, बीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थी अपने अपने जिले में बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे और सातवें चरण की प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग करेंगे. कुमार सत्यम ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई 2022 में ही प्रारंभिक शिक्षकों के लिए विज्ञप्ति जारी करने की बात कही थी. इस घोषणा को किए हुए नौ महीने से अधिक हो गए हैं और फिर भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.

"सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर हैं. इसी क्रम में रविवार दो अप्रैल को प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में राज्य के सभी 38 जिलों में कैंडल मार्च करेंगे. सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन और नियमावली में टल मटोल किए जाने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी रोष है" - कुमार सत्यम, संयोजक, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ

पटना: बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली (teacher recruitment of seventh phase) और नियमावली को लेकर अभ्यर्थी अपने अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी एक ही मांग है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द भर्ती को लेकर नियमावली को पेश करे. सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए शिक्षक संघ और अभ्यर्थी अपने अपने तरीके से प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ ने एक बड़ा फैसला किया है. रविवार को अभ्यर्थी सभी जिलों में कैंडल मार्च करेंगे.

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कैंडल मार्च निकालेंगे अभ्यर्थी: बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक कुमार सत्यम ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर हैं. इसी क्रम में रविवार दो अप्रैल को प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में राज्य के सभी 38 जिलों में कैंडल मार्च करेंगे. सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन और नियमावली में टल मटोल किए जाने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी रोष है. सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों ने यह कैंडल मार्च निकालने का फैसला लिया है.

हर दिन अभ्यर्थी अपने तरीके से कर रहे मांग: कुमार सत्यम ने यह भी कहा कि अभ्यर्थी लगातार पिछले चार सालों से सरकार से मिल रहे आश्वासन को लेकर विनती कर रहे हैं. अपनी गुहार लगाने के लिए प्रदर्शन भी कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के ऊपर इसका कोई असर पड़ रहा है. राज्य सरकार द्वारा नियमावली को लेकर आजकल-आजकल की नीति अपनाई जा रही है. इसके बाद शिक्षक अभ्यर्थी अब अपना धैर्य खो रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त हैं. पदों के रिक्त होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी सीधा असर पड़ रहा है.

जुलाई 2022 में ही विज्ञप्ति जारी करने की हुई थी बातः रविवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन में राज्य के सीटीईटी, बीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थी अपने अपने जिले में बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे और सातवें चरण की प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग करेंगे. कुमार सत्यम ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई 2022 में ही प्रारंभिक शिक्षकों के लिए विज्ञप्ति जारी करने की बात कही थी. इस घोषणा को किए हुए नौ महीने से अधिक हो गए हैं और फिर भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.

"सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर हैं. इसी क्रम में रविवार दो अप्रैल को प्रारंभिक शिक्षक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में राज्य के सभी 38 जिलों में कैंडल मार्च करेंगे. सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन और नियमावली में टल मटोल किए जाने के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी रोष है" - कुमार सत्यम, संयोजक, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ

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