पटना: चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' के तहत कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. मांग की गई है कि भारतीय रेलवे की अर्ध-उच्च गति स्वदेशी ट्रेन 18 परियोजना के लिए वैश्विक निविदा में भाग लेने के लिए चीन के स्वामित्व वाली कम्पनी सीआरआरसी कॉर्पोरेशन को भाग न लेने दिया जाए.
1500 करोड़ से अधिक की परियोजना
44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए इस परियोजना का कुल मूल्य 1500 करोड़ रूपए से अधिक है. सीआरआरसी को भाग न लेने को लेकर कैट ने गोयल से पत्र लिखकर मांग की है.
चीनी कम्पनी के बायकॉट की मांग
कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा.रमेश गांधी व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार ने रेलमंत्री गोयल को भेजे गए पत्र में कहा है कि चीन की कम्पनी सीआरआरसी कॉर्पोरेशन गुड़गांव स्थित एक फर्म के साथ एक संयुक्त उद्यम के साथ उक्त रेलों की प्रणोदन प्रणाली या इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की खरीद के लिए जारी टेंडर में छह दावेदारों में से एक है. 44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन या ट्रेन के लिए किट चूंकि भारतीय रेलवे की यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया आवाहन का एक हिस्सा है. इसलिए इस तथ्य और वर्तमान में चल रही परिस्थितियों को देखते हुए चीनी कम्पनी को इस परियोजना में भाग नहीं लेने देना चाहिए. बल्कि इस रेल परियोजना के लिए किसी भारतीय कंपनियों पर ही रेल मंत्रालय को अधिक जोर दिया जाना चाहिए.
रेलमंत्री से आवश्यक कदम उठाने की मांग
कैट पटना प्रमन्डल अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश कुमार नंदन दोनों ने आशा व्यक्त की है कि नरेंद्र मोदी के आह्वान 'लोकल पर वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी महत्वाकांक्षी और प्रतिष्ठित परियोजना में चीनी कम्पनी को भाग लेने से रोकने के लिए रेलमंत्री तुरंत आवश्यक कदम उठाएंगे.