पटना: देश भर में अगले महीने अगस्त से लेकर नवंबर तक त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है. वर्तमान परिस्थितियों के बीच इस बार त्यौहारों पर बाजारों में शायद गहमगहमी देखने को नहीं मिल सकता है. लेकिन यह जरूर है कि इस बार के सभी त्यौहारों को सादगी से मनाया जाएगा. जिसमें भारतीय संस्कृति, त्यौहारों की पवित्रता और भारतीय सामान का ही उपयोग होगा.
इसको लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) बिहार के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि कोरोना और चीन से चल रहे विवाद के बीच इस बार के त्योहारों पर हल्का फर्क पड़ेगा. लेकिन लोग सभी त्यौहार को उमंग और उल्लास के साथ जरूर मनाएंगे. सबसे खास बात तो ये रहेगी कि इस बार त्यौहारों में पूरी तरह से भारतीय सामान रहेंगे. चीनी सामान नदारद होंगे.
भारतीय सामानों को देश भर में करवाया जाएगा उपलब्ध
देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जो इस समय देश भर में चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान की अगुवाई कर रहा है. बिहार और दिल्ली सहित देश के सभी व्यापारी संगठनों को संदेश दिया है कि 3 अगस्त से शुरू हो रहे राखी के त्यौहार से लेकर 25 नवंबर तुलसी विवाह तक सभी त्यौहारों में काम आने वाले सभी भारतीय सामानों को देश भर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया जाए. जिससे किसी भी व्यक्ति को भारतीय सामान खरीदने में कोई समस्या नहीं हो.
त्योहारी सीजन के लिए कैट ने बनाई व्यापक योजना
बता दें कि आने वाले इन तीन महीनों के त्योहारी सीजन में राखी, जन्माष्टमी, गणेशोत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, धनतेरस, दिवाली, भैया दूज, छठ और तुलसी विवाह सहित कई त्यौहार आएंगे. इन सभी त्यौहारों पर लोगों को भारतीय सामान आसानी से प्राप्त हो, इस संबंध में कैट ने एक बहुत ही व्यापक योजना बनाई है. इस त्योहारी सीजन में उपयोग आने वाले सभी वस्तुओं की एक सूची कैट की ओर से तैयार की जा रही है. जिसे 11 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी.
'सामानों उत्पादन और खपत का इकट्ठा करें डाटा'
इसके अलावे कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा. रमेश गांधी और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कैट ने देश के सभी राज्यों में प्रमुख व्यापारी संगठनों से अनुरोध किया है कि वो इन त्योहारों से संबंधित भारतीय सामान बनाने वाले निर्माता, कारीगर, लघुउद्योग, कुम्हार, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमी या स्टार्टअप आदि से संपर्क करें. साथ ही कितनी मात्रा में वो सामानों का उत्पादन करते हैं और उस राज्य में उनके सामानों की कितनी खपत होती है. इसका डाटा इकट्ठा करें. इसके लिए कैट ने अंतिम तारीख 15 जुलाई तय की है.