पटना: जिले में अनेक भारतीय स्टार्ट-अप्स में चीनी निवेशों पर बड़ा सवाल खड़ा किया गया है. कॉन्फेंडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया. इसमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजकर कहा गया है कि विभिन्न सेक्टर में काम करने वाली भारतीय कंपनियों में जिस तरह से चीनी कंपनियों ने निवेश किया है, उससे साफ जाहिर होता है कि चीनी निवेश एक सुनियोजित तरीके से भारतीय इन्नोवेशन और टेक्नोलॉजी पर चीनी कब्जे का एक रणनीतिक कदम है. इस दृष्टि से कैट ने गोयल से ऐसी सभी भारतीय कंपनियों जिनमें चीनी निवेश है उसमें जांच का निर्देश देने का आग्रह किया है.
केंद्रीय वाणिज्य को भेजी गई सूची
कैट ने इस सम्बन्ध में 141 प्रमुख भारतीय स्टार्ट-अप्स की सूची गोयल को भेजी है. इनमें चीनी निवेश भी शामिल हैं. ये भारतीय कंपनियां आतिथ्य, दैनिक उपभोग्य सामग्रियों, खाद्य वितरण, सूचना प्रौद्योगिकी, रसद, भुगतान ऐप, ई-कॉमर्स, यात्रा, परिवहन, फार्मास्यूटिकल्स, बीमा, शेयर बाजार, स्वास्थ्य देखभाल, नेत्र देखभाल, खेल ऐप आदि से संबंधित हैं. इस सूची के अनुसार विविध क्षेत्रों में चीनी कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निवेश के लिए पकड़ा है.
जांच करने का निर्देश
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी और अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने इन कंपनियों की जांच की मांग करते हुए कहा कि जांच अनेक प्रासंगिक प्रश्नों पर आधारित हो. इसमें मुख्य रूप से भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश के माध्यम से नियंत्रण का अनुपात कितना है. इन कंपनियों ने अर्जित डेटा भारत में या विदेश में है. डेटा की सुरक्षा और सावधानियां क्या हैं. इसके साथ ही कहा गया कि क्या कोई भी भारतीय स्टार्ट-अप चीनी तकनीक का उपयोग कर रहा है, यदि ऐसा है तो इनमें किसी भी तरह की अंतर्निहित जासूसी तकनीक तो नहीं है.