पटना: बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. बुधवार को इस दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करते नजर आए. बिहार विधान परिषद के बाहर भी विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा (Uproar outside Legislative Council) किया. दलित छात्रों की छात्रवृत्ति रोकने का मामला हो या सेना पर मंत्री के द्वारा दिए गए बयान, इन सब मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया. साथ ही गलवान घाटी के शहीद के परिजन के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है उस पर विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर हमला किया.
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"सरकार से राज्य की जनता ऊब चुकी है. लगातार अपराध और हत्याए की घटनाएं बढ़ गई हैं. नीतीश कुमार इसका जवाब नहीं दे रहे हैं. सदन में जब हम लोग जवाब मांगते हैं तो सरकार जवाब देने से डरती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तानाशाही रवैया अपना रहे हैं. विरोधियों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जो चलने वाला नहीं है"- जनक राम, विधान पार्षद, बीजेपी
विपक्ष के आवाज को दबाने की कोशिश: जनक राम ने साफ-साफ कहा कि दलितों की अनदेखी की जा रही है. दलित छात्रों को जो छात्रवृत्ति दी जाती थी उसे भी बंद कर गयी है. सरकार मनमानी कर रही है. सेना के खिलाफ इसके मंत्री अपमानजनक बयान देते हैं और मंत्री पर कार्रवाई नहीं की जाती है. गलवान घाटी के शहीद के परिजनों को पुलिस ने प्रताड़ित किया है. इस मामले पर भी सरकार पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है. इसी मुद्दे को लेकर हम लोग सदन में आवाज उठा रहे हैं, तो सरकार दबाने का काम कर रही है.
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जनता सब देख रही हैः जनक राम ने कहा कि सरकार पूरी तरह से बेशर्म हो गई है. यही कारण है कि विरोधी के सवाल का जवाब भी सदन में नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को पूरी तरह से सरकार ने हैक कर लिया है. विपक्ष की आवाज को सुनने का काम ही कर रहा है जो कि पूरी तरह से गलत है. राज्य की जनता सब कुछ देख रही है. समय आने पर जनता ऐसे सरकार को वोट के माध्यम से तोड़ने का काम करेगी.