पटना: 22 फरवरी यानि कल वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया जाएगा. कोरोनाकाल के चलते इस बजट पर सबकी नजर हैं. अर्थशास्त्री एनके चौधरी ने कहा कि बजट को लेकर सरकार पर दबाव होगा. लेकिन जब तक पब्लिक एक्सपेंडिचर नहीं बढ़ाएंगे, तब तक विकास की गति तेज नहीं हो सकती है. लोगों की आय में बढ़ोतरी नहीं होगी और जीवन स्तर में भी सुधार नहीं होगा.
ये भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग कर रहे त्राहिमाम, आंकड़ों के जरिए जानिए तेल का 'खेल'
'स्वास्थ्य क्षेत्र पर देना होगा जोर'
अर्थशास्त्री एनके चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट को बढ़ाना होगा. केंद्र सरकार ने भी 37% बढ़ोतरी की बात कही है और कोरोना के समय तो स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना सबसे जरूरी है.
'कोरोना से शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित'
कोरोना के समय शिक्षा के क्षेत्र पर भी बहुत असर पड़ा है, तो उस पर भी ध्यान देना होगा. शिक्षकों की बहाली से लेकर शिक्षा क्षेत्र को सामान्य करने के लिए कई तरह के कदम उठाने होंगे और बजट में उसके लिए विशेष प्रावधान करना जरूरी होगा.
'कृषि पर ध्यान देने की विशेष जरूरत'
कृषि का क्षेत्र भी अहम है और इस क्षेत्र पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. खासकर अभी जो पूरे देश में आंदोलन हो रहा है और बिहार में ही धान खरीद को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. कृषि के विकास से ही लोगों की स्थिति में सुधार होगा. बिहार में कृषि पर सबसे ज्यादा लोग निर्भर हैं. ऐसे में कृषि प्राथमिकता में होना चाहिए.
ये भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से बजट ही नहीं जायका भी बिगड़ा, महंगी हो गई सब्जियां
'इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस बार भी रहेगा फोकस'
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से बिजली के रेट को लेकर वन नेशन वन रेट की मांग की है. हालांकि एन के चौधरी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि इसका बिहार के बजट से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन केंद्र सरकार को बिहार के विकास में मदद करनी है, तो बिजली सहित कई सेक्टर में मदद करनी होगी. ऐसे बिहार सरकार सड़क के क्षेत्र में सबसे ज्यादा जोर दे रही है, तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस बार भी फोकस होना तय है.