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साइबर अपराध से निपटने में बीटेक छात्रों की ली जाएगी मदद, कॉट्रेक्ट पर करेंगे काम

पटना में बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने के लिए बी-टेक पास छात्रों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है. छात्रों से साइबर सेल में कांट्रैक्ट पर काम (btech students work in cyber cell) कराया जाएगा, ताकि साइबर फ्राॅड सुलझाने में मदद मिल सके. पढ़ें पूरी खबर..

साइबर अपराध से निपटने में बीटेक छात्रों की ली जाएगी मदद
साइबर अपराध से निपटने में बीटेक छात्रों की ली जाएगी मदद
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Published : Jan 7, 2023, 8:17 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बढ़ रहे साइबर क्राइम को खत्म करने के लिए पुलिस अब बीटेक छात्रों की मदद (BTech students help to solve cyber crime in Patna) लेगी. साइबर सेल में उन्हें कांट्रैक्ट पर शामिल किया जायेगा. इससे केस के अनुसंधानकर्ता को मदद मिलने के साथ ही साइबर अपराधी को पकड़ने और गंभीर से लेकर छोटे मामलों की तह तक जाने में भी पुलिस को आसानी होगी. पटना के रेंज आईजी राकेश राठी ने बताया कि इस तरह का एक प्रस्ताव ईओयू को भी भेजा गया है.

ये भी पढ़ेंः Cyber Crime: ऑक्सीजन और दवा के नाम पर ठगने वालों पर EOU की कार्रवाई, 31 गिरफ्तार

बढ़ रही है साइबर अपराध की घटनाएंः साइबर अपराधी हर दिन किसी ने किसी को झांसा देकर उनके बैंक खाते से पैसे उड़ा रहे हैं. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस भी मामला दर्ज कर रही है, लेकिन अधिकांश मामले अनसुलझे रह जा रहे हैं, दरअसल कंकड़बाग पुलिस ऐसे गिरोह के शातिरों के पीछे पड़ी है जो साइबर फ्रॉड गैंग के लिए फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाए हैं. इस गिरोह के एक शातिर नालंदा के छतरी थाना क्षेत्र के रहने वाले नागेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

"साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने के लिए बी-टेक पास छात्रों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है. छात्रों से साइबर सेल में कांट्रैक्ट पर काम कराया जाएगा. भीर से लेकर छोटे मामलों की तह तक जाने में भी पुलिस को आसानी होगी. इस तरह का एक प्रस्ताव ईओयू को भी भेजा गया है" - राकेश राठी, पटना के रेंज आईजी

साइबर अपराधी का मोबाइल ऑन करने ही मिट गया सारा डाटाः नागेंद्र के मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया था. मोबाइल ऑन करते ही पुलिस उससे कुछ साक्ष्य निकाल पाती या किसी ट्रांजैक्शन का स्क्रीन शॉट ले पाती. तब तक सारा डाटा एक-एक कर डिलीट हो गया. ऐसे में अब पटना में बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने के लिए बी-टेक पास छात्रों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है. शहरी क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक थानों में हर महीने सौ से अधिक केस दर्ज हो रहे हैं.

एप डाउनलोड करने और ओटीपी शेयर करने से उड़ रहे हैं पैसेः साइबर अपराध के अधिकांश मामलों में लोग लिंक पर क्लिक कर, एप डाउनलोड करने और ओटीपी शेयर करने के बाद ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसमें अधिकांश लोगों के खाते से 20 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक की निकासी हो रही है. रकम कम होने की वजह से अधिकांश मामलों में पुलिस केस तो दर्ज कर लेती है, लेकिन उसके पहले से अन्य केस का दबाव होने की वजह से उन मामलों पर ध्यान नहीं देती और पीड़ित थाने का चक्कर लगाता रहता है.

एक मजदूर के खाते में जमा हो गए पांच लाखः ऐसे ही एक मामले में हरियाणा पुलिस पटना में छापेमारी कर रही है. मामला साइबर फ्रॉड से जुड़ा है. वहां के एक व्यवसाई से 20 लाख रुपये से अधिक का साइबर फ्रॉड हुआ. इस मामले में जांच में पता चला कि पटना के कई खातों में पैसा ट्रांजैक्शन किया गया है. हरियाणा पुलिस ने कंकड़बाग थाने की पुलिस की मदद से उदय महतो नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है. उदय के खाते में साइबर ठगी के पांच लाख ट्रांसफर किए गए हैं, परंतु उदय दैनिक मजदूर है. पुलिस को उदय ने बताया कि उसे नहीं पता कि उसके खाते में पांच लाख आए हैं.

मजदूर को पता ही नहीं किसने खुलवाया उसके नाम पर खाताः उदय ने बताया कि खाते के बारे में भी उसे कोई जानकारी नहीं है. उदय के नाम पर खाता कैसे खुला और किन लोगों ने खोला और इसका इस्तेमाल कौन कर रहा है. इसकी जानकारी उसे नहीं है. इसकी जानकारी लेने में पुलिस जुटी हुई है. साइबर क्राइम से निपटने के लिए आर्थिक अपराध इकाई द्वारा समय समय पर थानेदार से लेकर अन्य पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है, लेकिन कई ऐसे अनुसंधानकर्ता हैं, जिन्हें तकनीकी जानकारी कम है. इस वजह से भी कई मामले सुलझ नहीं पाते हैं और साइबर अपराधी पैसे को एक से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर निकासी कर लेते हैं।.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बढ़ रहे साइबर क्राइम को खत्म करने के लिए पुलिस अब बीटेक छात्रों की मदद (BTech students help to solve cyber crime in Patna) लेगी. साइबर सेल में उन्हें कांट्रैक्ट पर शामिल किया जायेगा. इससे केस के अनुसंधानकर्ता को मदद मिलने के साथ ही साइबर अपराधी को पकड़ने और गंभीर से लेकर छोटे मामलों की तह तक जाने में भी पुलिस को आसानी होगी. पटना के रेंज आईजी राकेश राठी ने बताया कि इस तरह का एक प्रस्ताव ईओयू को भी भेजा गया है.

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बढ़ रही है साइबर अपराध की घटनाएंः साइबर अपराधी हर दिन किसी ने किसी को झांसा देकर उनके बैंक खाते से पैसे उड़ा रहे हैं. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस भी मामला दर्ज कर रही है, लेकिन अधिकांश मामले अनसुलझे रह जा रहे हैं, दरअसल कंकड़बाग पुलिस ऐसे गिरोह के शातिरों के पीछे पड़ी है जो साइबर फ्रॉड गैंग के लिए फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाए हैं. इस गिरोह के एक शातिर नालंदा के छतरी थाना क्षेत्र के रहने वाले नागेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

"साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने के लिए बी-टेक पास छात्रों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है. छात्रों से साइबर सेल में कांट्रैक्ट पर काम कराया जाएगा. भीर से लेकर छोटे मामलों की तह तक जाने में भी पुलिस को आसानी होगी. इस तरह का एक प्रस्ताव ईओयू को भी भेजा गया है" - राकेश राठी, पटना के रेंज आईजी

साइबर अपराधी का मोबाइल ऑन करने ही मिट गया सारा डाटाः नागेंद्र के मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया था. मोबाइल ऑन करते ही पुलिस उससे कुछ साक्ष्य निकाल पाती या किसी ट्रांजैक्शन का स्क्रीन शॉट ले पाती. तब तक सारा डाटा एक-एक कर डिलीट हो गया. ऐसे में अब पटना में बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने के लिए बी-टेक पास छात्रों से मदद लेने की तैयारी की जा रही है. शहरी क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक थानों में हर महीने सौ से अधिक केस दर्ज हो रहे हैं.

एप डाउनलोड करने और ओटीपी शेयर करने से उड़ रहे हैं पैसेः साइबर अपराध के अधिकांश मामलों में लोग लिंक पर क्लिक कर, एप डाउनलोड करने और ओटीपी शेयर करने के बाद ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसमें अधिकांश लोगों के खाते से 20 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक की निकासी हो रही है. रकम कम होने की वजह से अधिकांश मामलों में पुलिस केस तो दर्ज कर लेती है, लेकिन उसके पहले से अन्य केस का दबाव होने की वजह से उन मामलों पर ध्यान नहीं देती और पीड़ित थाने का चक्कर लगाता रहता है.

एक मजदूर के खाते में जमा हो गए पांच लाखः ऐसे ही एक मामले में हरियाणा पुलिस पटना में छापेमारी कर रही है. मामला साइबर फ्रॉड से जुड़ा है. वहां के एक व्यवसाई से 20 लाख रुपये से अधिक का साइबर फ्रॉड हुआ. इस मामले में जांच में पता चला कि पटना के कई खातों में पैसा ट्रांजैक्शन किया गया है. हरियाणा पुलिस ने कंकड़बाग थाने की पुलिस की मदद से उदय महतो नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है. उदय के खाते में साइबर ठगी के पांच लाख ट्रांसफर किए गए हैं, परंतु उदय दैनिक मजदूर है. पुलिस को उदय ने बताया कि उसे नहीं पता कि उसके खाते में पांच लाख आए हैं.

मजदूर को पता ही नहीं किसने खुलवाया उसके नाम पर खाताः उदय ने बताया कि खाते के बारे में भी उसे कोई जानकारी नहीं है. उदय के नाम पर खाता कैसे खुला और किन लोगों ने खोला और इसका इस्तेमाल कौन कर रहा है. इसकी जानकारी उसे नहीं है. इसकी जानकारी लेने में पुलिस जुटी हुई है. साइबर क्राइम से निपटने के लिए आर्थिक अपराध इकाई द्वारा समय समय पर थानेदार से लेकर अन्य पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है, लेकिन कई ऐसे अनुसंधानकर्ता हैं, जिन्हें तकनीकी जानकारी कम है. इस वजह से भी कई मामले सुलझ नहीं पाते हैं और साइबर अपराधी पैसे को एक से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर निकासी कर लेते हैं।.

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