पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र वायरल होने की चर्चा हो रही है. Etv bharat के पास भी यह पेपर मिला है. छात्र नेता दिलीप कुमार ने यह पेपर ईटीवी को सबसे पहले उपलब्ध कराया. इस पेपर के सही होने का दावा दिलीप ने किया और सीबीआई से इसकी जांच कराने की मांग की.
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सीबीआई जांच की मांगः छात्र नेता दिलीप ने बताया कि बीपीएससी 67 वीं प्रीलिम्स का पेपर जो लीक हुआ था उसी समय से वह लगातार मांग करते रहे हैं कि इस घटना की सीबीआई जांच हो ताकि शिक्षा माफिया पकड़े जा सकें. उन्होंने कहा कि बीपीएससी 67 वीं प्रीलिम्स हो या फिर बीएसएससी सीजीएल 3 की परीक्षा, दोनों में क्वेश्चन पेपर वायरल करने वाले गिरोह एक ही है. उन्होंने कहा कि दोनों घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग करते हैं क्योंकि सीबीआई जांच होगी तो क्वेश्चन पेपर वायरल करने वाले शिक्षा माफिया पकड़े जाएंगे.
'इस प्रकार की स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान क्वेश्चन पेपर लीक होने की घटना से प्रदेश के विद्यार्थियों का मनोबल टूटता है और देश भर में बिहार की छवि खराब होती है. एक बार शिक्षा माफिया पकड़ लिए जाएंगे तो आगे से ऐसी घटना नहीं होगी, जिससे बिहार की देश और दुनिया भर में छवि धूमिल हो' - दिलीप कुमार, छात्र नेता
जैमर लगा है तो पेपर बाहर कैसे आयाः दिलीप ने बताया कि उनके पास 10:53 बजे सुबह व्हाट्सएप पर एक क्वेश्चन पेपर का सेट पहुंचा. 10-15 मिनट के अंदर ही आर्थिक अपराध इकाई को भेज दिया. मीडिया में इसकी जानकारी दी. सीएमओ को भी मेल किया लेकिन सीएमओ के पास मेल नहीं सेंड हो पा रहा है. दिलीप ने बताया कि परीक्षा केंद्र के आसपास भी नेटवर्क नहीं काम कर रहा है जैमर लगा हुआ है ऐसे में सवाल उठता है कि एग्जामिनेशन सेंटर से क्वेश्चन पेपर कैसे बाहर निकला. उन्होंने आशंका जतायी कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही क्वेश्चन लीक हो गई होगी. ईटीवी भारत वायरल पेपर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
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अभ्यर्थियों ने पेपर सही होने की पुष्टि कीः दिलीप कुमार ने बताया कि उनके पास जो क्वेश्चन पेपर के फोटो आए उसकी सत्यता जांचने के लिए परीक्षा सेंटर वह पहुंचे हैं. वहां जब परीक्षा देकर छात्र बाहर निकले तो छात्रों ने बताया कि हुबहू यही क्वेश्चन पेपर पूछे गए थे. दिलीप कुमार ने कहा कि परीक्षा के पहले ही वह लगातार मांग कर रहे थे कि जो क्वेश्चन दिए जाते हैं उसे अभ्यर्थियों को बाहर ले जाने की अनुमति दी जाए. अभ्यर्थी जो अपना ओएमआर शीट भरते हैं उसकी कार्बन कॉपी भी अभ्यर्थियों को ले जाने की इजाजत दी जाए. अभ्यर्थी क्वेश्चन पेपर लेकर बाहर निकलेंगे तो मिलान किया जा सकता है कि वायरल पेपर सही था या नहीं.