पटना: बीपीएससी 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 12 फरवरी को पूरे प्रदेश में ली जाएगी. इसके लिए पहले से ही सभी 38 जिलों में कुल 805 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. आयोग की तरफ से जानकारी दी गई है कि कुल 324 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई है. जिसके लिए इस बार कुल 4.34 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं. इसमें महिला अभ्यर्थियों की संख्या 1.50 लाख के आसपास बताई जा रही है. इसके साथ ही कुल दिव्यांग परीक्षार्थियों की संख्या 7 हजार के आसपास है. आयोग ने 28 जनवरी को ही इसके लिए एडमिट कार्ड अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. ताकि परीक्षार्थी अपने एडमिट कार्ड को आसानी से डाउनलोड कर सकें. आयोग का कहना है कि 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही परीक्षा संचालित करवाने के लिए एडीएम रैंक के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है.
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पटना में सर्वाधिक 59 परीक्षा केंद्र: बीपीएससी 68वीं प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर पटना में सर्वाधिक 59 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. यहां पर कुल 39 हजार 33 अभ्यर्थियों की परीक्षाएं हैं. बताया जाता है कि इस बार बीपीएससी ने पहली बार नए परीक्षा पैटर्न पर प्रीलिम्स परीक्षा लेने जा रही है. जिसमें पहली बार परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रत्येक गलत जवाब पर 0.25 अंक काट लिए जाएंगे और ओएमआर शीट पर व्हाइटनर या इरेजर चलाने पर भी निगेटिव मार्किंग की जाएगी. इन सारी चीजों को परीक्षा केंद्र के अंदर ले जाना भी मना है. आयोग ने निर्देश दिया है कि अभ्यर्थियों ने जिस समय अपना एप्लीकेशन फॉर्म भरा था. उस फोटो की ऑरिजिनल कॉपी लेकर ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचे. इसके अलावा एक पहचान पत्र अपने साथ जरुर रखेंगे.
परीक्षा केंद्र में सुबह 9:30 बजे से प्रवेश शुरू: बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा पूरे राज्यभर में सभी 805 परीक्षा केंद्रों पर लिया जाएगा. इसके लिए परीक्षार्थियों को प्रवेश 11:00 बजे तक ही दिया जाएगा. क्योंकि इस परीक्षा की शुरुआत 12 बजे से शुरू होकर 2 बजे तक समाप्त हो जाएगी. परीक्षा केंद्र में सुबह 9:30 बजे से प्रवेश शुरू कर दी जाएगी. परीक्षा प्रारंभ होने के एक घंटा पहले प्रवेश बंद कर दिया जाना है. नियमानुसार परीक्षा हॉल में ही अभ्यर्थियों के सामने प्रश्न पत्र के पैकेट को खोला जाएगा. इसके अलावा परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थियों के सामने ही ओएमआर शीट को सील किया जाएगा और इसके बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति दी जाएगी. इन सबके अलावा कदाचार को रोकने के लिए इस बार आयोग ने निर्णय लिया है कि कदाचार में पकड़े गए अभ्यर्थियों को 5 साल तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जाएगा.
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