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डॉ.जगन्नाथ मिश्र का पार्थिव शरीर आज पहुंचेगा पैतृक गांव, शाम में होगा अंतिम संस्कार

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Published : Aug 21, 2019, 8:16 AM IST

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का पार्थिव शरीर आज पटना से उनके पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया जाएगा. जहां शाम करीब चार बजे उनका अंतिम संस्कार होगा.

डॉ. जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का पार्थिव शरीर पटना से मुजफ्फरपुर, दरभंगा, झंझारपुर होते हुए उनके पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया जाएगा. जहां करीब शाम चार बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. मंगलवार की दोपहर मिश्र का पार्थिव शरीर नई दिल्ली से पटना एयरपोर्ट पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में राजनीतिक, सामाजिक नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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डॉ. जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार आज

एयरपोर्ट से दोपहर सवा दो बजे डॉ. मिश्र का पार्थिव शरीर बिहार विधानमंडल लाया गया. साथ में पुत्र संजीव मिश्र, मनीष मिश्र, नीतीश मिश्र और कांग्रेस नेता किशोर कुमार झा तथा विद्यार्थी जी समेत अन्य परिजन भी थे. पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद में उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद डॉ. मिश्र का पार्थिव शरीर सदाकत आश्रम और फिर उनके आवास वीणा कुंज ले जाया गया.

नीतीश कुमार ने जताया शोक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर है. उनके निधन की खबर सुनकर कई नेता उनके आवास पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक जताया है.

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डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर

बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक
पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के निधन पर बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. राज्यपाल फागू चौहान ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील राजनेता और अर्थशास्त्र का विद्वान अध्यापक बताया.

तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. मिश्र
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के तीन पार मुख्यमंत्री रह चुके थे. उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. बाद में वे बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने थे. उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री रहे थे. डॉ. मिश्र विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वे 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में उन्‍हें कमान सौंपी गई. आखिरी बार 1989 से 1990 तक वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वे 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे.

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र का पार्थिव शरीर पटना से मुजफ्फरपुर, दरभंगा, झंझारपुर होते हुए उनके पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया जाएगा. जहां करीब शाम चार बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. मंगलवार की दोपहर मिश्र का पार्थिव शरीर नई दिल्ली से पटना एयरपोर्ट पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में राजनीतिक, सामाजिक नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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डॉ. जगन्नाथ मिश्र का अंतिम संस्कार आज

एयरपोर्ट से दोपहर सवा दो बजे डॉ. मिश्र का पार्थिव शरीर बिहार विधानमंडल लाया गया. साथ में पुत्र संजीव मिश्र, मनीष मिश्र, नीतीश मिश्र और कांग्रेस नेता किशोर कुमार झा तथा विद्यार्थी जी समेत अन्य परिजन भी थे. पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद में उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद डॉ. मिश्र का पार्थिव शरीर सदाकत आश्रम और फिर उनके आवास वीणा कुंज ले जाया गया.

नीतीश कुमार ने जताया शोक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर है. उनके निधन की खबर सुनकर कई नेता उनके आवास पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक जताया है.

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डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर

बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक
पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के निधन पर बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. राज्यपाल फागू चौहान ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील राजनेता और अर्थशास्त्र का विद्वान अध्यापक बताया.

तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. मिश्र
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के तीन पार मुख्यमंत्री रह चुके थे. उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. बाद में वे बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने थे. उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री रहे थे. डॉ. मिश्र विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वे 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में उन्‍हें कमान सौंपी गई. आखिरी बार 1989 से 1990 तक वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वे 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे.

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