पटना: आरजेडी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को आज यह एहसास हो गया होगा कि बिहार के लोगों का भरोसा वह खो चुकी है. उसकी नौटंकी को बिहार की जनता समझ चुकी है. यही वजह है कि भाजपा द्वारा घोषित विधानसभा मार्च को आमलोगों ने कोई नोटिस हीं नहीं लिया. काफी प्रचार-प्रसार और सभी प्रकार के साधन मुहैया कराने के बावजूद पूरे राज्य से मात्र कुछ सौ कार्यकर्ता ही विधानसभा मार्च में शामिल थे.
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"विधानसभा मार्च के फ्लॉप होने से हतोत्साहित भाजपा नेताओं द्वारा कार्यक्रम को मीडिया में कवरेज पाने के लिए पुलिस बैरिकेड को तोड़ते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने का न केवल गैरकानूनी प्रयास किया गया, बल्कि पुलिस पर मिर्ची पाउडर, रोड़े और कंकड़ फेंके जाने लगे. फोटो खिंचवाने और मीडिया में आने के लिए भाजपा नेताओं के बीच जबरदस्त आपा-धापी मची हुई थी और वे तरह तरह के नाटक कर रहे थे"- चित्तरंजन गगन, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल
रोजगार पर बोलने का बीजेपी को अधिकार नहीं: राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा लगभग 15 वर्षों तक बिहार सरकार में शामिल रही है. उसके सरकार में रहते हुए ही पटना के डाक-बंगला चौराहे से आगे के क्षेत्र को धरना-प्रदर्शन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. किसी भी प्रदर्शन को उससे आगे नहीं जाने दिया गया था. बेरोजगारी को लेकर बिहार सरकार पर सवाल उठाने के पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.
दो लाख लोगों को मिले नियुक्ति पत्र: चित्तरंजन गगन ने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद लगभग दो लाख से ज्यादा नौजवानों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं. पौने दो लाख शिक्षकों के साथ ही स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस सहित विभिन्न विभागों में लाखों पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है लेकिन भाजपा ने दो करोड़ नौजवानों को प्रतिवर्ष नौकरी देने का वादा किया था. उसके नौ साल के शासन में 44 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी समाप्त हो गई, जिसके विरुद्ध मात्र 7.22 लाख लोगों को नौकरी दी गई.