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लालू यादव को रिटर्न गिफ्ट दे रही झारखंड सरकार, केली बंगला बना आरजेडी का चुनावी कार्यालय: बीजेपी

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Published : Sep 9, 2020, 10:50 PM IST

लालू यादव के रिम्स निदेशक के बंगले में रहने को लेकर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा कि लालू यादव को सरकार रिटर्न गिफ्ट दे रही है. इसके एवज में उनसे बंगले का किराया नहीं लिया जा रहा है.

पटना
पटना

रांची/पटना: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को रिम्स निदेशक के 'केली बंगले' में कथित तौर पर बिना किसी शुल्क के रहने को लेकर सियासत तेज हो गई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अगस्त के पहले हफ्ते में रिम्स के निदेशक बंगले में शिफ्ट किए गए लालू प्रसाद से बंगले के किराया को लेकर अभी तक किसी तरह का भुगतान नहीं लिया गया है.

वहीं, दूसरी तरफ झारखंड सरकार के स्वाथ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोरोना संक्रमित होने के बाद बाकायदा रिम्स के कोविड वार्ड में इलाज कराया. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री के हर्निया का ऑपरेशन भी रिम्स में ही किया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि अपराधियों को सजा और दंड का फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश ने भी रिम्स के पेइंग वार्ड में अपना कोरोना संक्रमण का इलाज कराया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पेइंग वार्ड में ढाई साल रहे लालू

लालू प्रसाद रिम्स के पेइंग वार्ड में लंबे समय से इलाजरत थे. वहीं, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर उन्हें पेइंग वार्ड से रिम्स कैंपस में ही बने निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया. रिम्स के पेइंग वार्ड में लगभग ढाई साल रहे लालू से लगभग 7 लाख रुपए लिए गए. वहीं, अभी तक केली बंगले के किराए को लेकर तस्वीर साफ नहीं है.

बंगले में बड़े कमरे और गार्डन की सुविधा

लगभग 3 एकड़ में फैले इस बंगले में तीन बड़े बैडरूम के अलावा तीन बाथरूम, दो डायनिंग हॉल, एक स्टडी रूम, दो बड़े बरामदे के साथ बड़ा गार्डन भी है. वहीं, लालू की सेवा में तीन निजी सहायक हैं, जो बंगले के भीतर उनकी सेवा कर रहे हैं. रिम्स के गार्ड के अलावा राज्य पुलिस की प्रतिनियुक्ति भी की गई है. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि लालू अपर डिवीजन के कैदी हैं और ऐसे कैदी को दो लोगों को सहायक रखने का प्रावधान है.

बीजेपी ने साधा निशाना
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की माने तो इस पूरे इस्टैब्लिशमेंट में राज्य सरकार के पैसे खर्च हो रहे हैं. इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि लालू प्रसाद सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केली बंगले में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ लालू प्रसाद ने उसे अपना चुनावी कार्यालय बना रखा है. शाहदेव ने कहा कि दरअसल लालू प्रसाद को राज्य सरकार रिटर्न गिफ्ट के रूप में यह सुविधा दे रही है. उन्होंने कहा कि राजद के एक विधायक सरकार में मंत्री हैं. इसी से लालू की रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब बंगले में रहकर लालू प्रसाद का इलाज संभव है तो ऐसे में उन्हें होटवार जेल में भी रखा जा सकता है.

ये भी पढे़ं: झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर लगी मुहर, स्टेट कैबिनेट में 29 प्रस्तावों पर स्वीकृति

रिम्स प्रबंधन का मामला
हालांकि, इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि लालू रिम्स में इलाजरत हैं. ऐसे में वहां के चिकित्सक ही उनकी स्थिति बेहतर समझ सकते हैं. रही बात किराया लेने और नहीं लेने की तो यह रिम्स प्रबंधन का आंतरिक मामला है.

रांची/पटना: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को रिम्स निदेशक के 'केली बंगले' में कथित तौर पर बिना किसी शुल्क के रहने को लेकर सियासत तेज हो गई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अगस्त के पहले हफ्ते में रिम्स के निदेशक बंगले में शिफ्ट किए गए लालू प्रसाद से बंगले के किराया को लेकर अभी तक किसी तरह का भुगतान नहीं लिया गया है.

वहीं, दूसरी तरफ झारखंड सरकार के स्वाथ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोरोना संक्रमित होने के बाद बाकायदा रिम्स के कोविड वार्ड में इलाज कराया. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री के हर्निया का ऑपरेशन भी रिम्स में ही किया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि अपराधियों को सजा और दंड का फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश ने भी रिम्स के पेइंग वार्ड में अपना कोरोना संक्रमण का इलाज कराया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पेइंग वार्ड में ढाई साल रहे लालू

लालू प्रसाद रिम्स के पेइंग वार्ड में लंबे समय से इलाजरत थे. वहीं, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर उन्हें पेइंग वार्ड से रिम्स कैंपस में ही बने निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया. रिम्स के पेइंग वार्ड में लगभग ढाई साल रहे लालू से लगभग 7 लाख रुपए लिए गए. वहीं, अभी तक केली बंगले के किराए को लेकर तस्वीर साफ नहीं है.

बंगले में बड़े कमरे और गार्डन की सुविधा

लगभग 3 एकड़ में फैले इस बंगले में तीन बड़े बैडरूम के अलावा तीन बाथरूम, दो डायनिंग हॉल, एक स्टडी रूम, दो बड़े बरामदे के साथ बड़ा गार्डन भी है. वहीं, लालू की सेवा में तीन निजी सहायक हैं, जो बंगले के भीतर उनकी सेवा कर रहे हैं. रिम्स के गार्ड के अलावा राज्य पुलिस की प्रतिनियुक्ति भी की गई है. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि लालू अपर डिवीजन के कैदी हैं और ऐसे कैदी को दो लोगों को सहायक रखने का प्रावधान है.

बीजेपी ने साधा निशाना
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की माने तो इस पूरे इस्टैब्लिशमेंट में राज्य सरकार के पैसे खर्च हो रहे हैं. इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि लालू प्रसाद सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केली बंगले में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ लालू प्रसाद ने उसे अपना चुनावी कार्यालय बना रखा है. शाहदेव ने कहा कि दरअसल लालू प्रसाद को राज्य सरकार रिटर्न गिफ्ट के रूप में यह सुविधा दे रही है. उन्होंने कहा कि राजद के एक विधायक सरकार में मंत्री हैं. इसी से लालू की रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब बंगले में रहकर लालू प्रसाद का इलाज संभव है तो ऐसे में उन्हें होटवार जेल में भी रखा जा सकता है.

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रिम्स प्रबंधन का मामला
हालांकि, इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि लालू रिम्स में इलाजरत हैं. ऐसे में वहां के चिकित्सक ही उनकी स्थिति बेहतर समझ सकते हैं. रही बात किराया लेने और नहीं लेने की तो यह रिम्स प्रबंधन का आंतरिक मामला है.

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