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कार्तिकेय सिंह प्रकरण पर बोले संजय जायसवाल- नीतीश कुमार फंसाते भी हैं और बचाते भी हैं

मंत्री कार्तिकेय कुमार का विभाग बदले जाने के बाद भी नीतीश कुमार की परेशानी कम नहीं हुई है. बीजेपी नेता CM Nitish Kumar पर एक बार फिर हमलावर हैं. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटाकर नीतीश कुमार ने अपनी कथनी और करनी में फर्क साबित कर दिया है.

BJP State President Sanjay Jaiswal
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Published : Aug 31, 2022, 1:19 PM IST

पटनाः आपराधिक चरित्र के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर बिहार में बवाल खड़ा है. बीजेपी मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister kartikeya Kumar) को लेकर सरकार पर हमलावर थी. हंगामे के बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटा दिया है. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. संजय जायसवाल ने कहा है कि कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटाकर नीतीश कुमार ने अपनी कथनी और करनी में फर्क साबित किया है. उन्होंने ने कहा है कि नीतीश कुमार लोगों को फंसाते भी हैं और समर्थन में आ जाने के बाद बचाते भी हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार को पद से हटाया गया

नीतीश पर हमलावर हुए बीजेपी नेताः संजय जायसवाल ने कहा है कि ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं. मिसाल के तौर पर आनंद मोहन को फंसाने का काम किया फिर उसके बाद अनंत सिंह को फंसाने का काम किया और जब यह लोग इनके पक्ष में आ गए तो फिर उन्हें बचाने में भी लग गए. बिहार की शासन व्यवस्था दिन ब दिन गिरती जा रही है. विरोध हुआ तो कार्तिक सिंह से विधि विभाग लेकर गन्ना उद्योग दे दिया गया. गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को विधि विभाग का मंत्री बनाया गया है. ये सब नीतीश कुमार लालू यादव परिवार के आदेश पर कर रहे हैं.

"नीतीश कुमार लोगों को फंसाते भी हैं और समर्थन में आ जाने के बाद बचाते भी हैं. कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटाकर नीतीश कुमार ने अपनी कथनी और करनी में फर्क साबित किया है. नीतीश अब रबर स्टाम्प बनकर लालू परिवार के आदेश पर सारे काम कर रहे हैं"- संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

कार्तिकेय सिंह का बदला गया विभाग : दरअसल कार्तिकेय कुमार को लेकर विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा था. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

ये भी पढ़ें: कार्तिकेय सिंह के वारंटी होने के आरोप पर बोले लालू यादव, सुशील मोदी झूठा है

मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंट : आपको बता दें कि मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister Kartikeya Kumar) पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है. राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में मंत्री कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है.

पटनाः आपराधिक चरित्र के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर बिहार में बवाल खड़ा है. बीजेपी मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister kartikeya Kumar) को लेकर सरकार पर हमलावर थी. हंगामे के बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटा दिया है. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. संजय जायसवाल ने कहा है कि कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटाकर नीतीश कुमार ने अपनी कथनी और करनी में फर्क साबित किया है. उन्होंने ने कहा है कि नीतीश कुमार लोगों को फंसाते भी हैं और समर्थन में आ जाने के बाद बचाते भी हैं.

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नीतीश पर हमलावर हुए बीजेपी नेताः संजय जायसवाल ने कहा है कि ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं. मिसाल के तौर पर आनंद मोहन को फंसाने का काम किया फिर उसके बाद अनंत सिंह को फंसाने का काम किया और जब यह लोग इनके पक्ष में आ गए तो फिर उन्हें बचाने में भी लग गए. बिहार की शासन व्यवस्था दिन ब दिन गिरती जा रही है. विरोध हुआ तो कार्तिक सिंह से विधि विभाग लेकर गन्ना उद्योग दे दिया गया. गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को विधि विभाग का मंत्री बनाया गया है. ये सब नीतीश कुमार लालू यादव परिवार के आदेश पर कर रहे हैं.

"नीतीश कुमार लोगों को फंसाते भी हैं और समर्थन में आ जाने के बाद बचाते भी हैं. कार्तिकेय सिंह को विधि विभाग से हटाकर नीतीश कुमार ने अपनी कथनी और करनी में फर्क साबित किया है. नीतीश अब रबर स्टाम्प बनकर लालू परिवार के आदेश पर सारे काम कर रहे हैं"- संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

कार्तिकेय सिंह का बदला गया विभाग : दरअसल कार्तिकेय कुमार को लेकर विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा था. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.

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मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंट : आपको बता दें कि मंत्री कार्तिकेय कुमार (Minister Kartikeya Kumar) पर कई थानों में मामले दर्ज में हैं. मोकामा थाना, मोकामा रेल थाना समेत बिहटा में भी इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि किसी भी मामले में अब तक न्यायालय से इन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है. राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में मंत्री कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है.

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