पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले राजनीतिक दल तैयारियों में जुटी है. भारतीय जनता पार्टी पहली बार वर्चुअल तरीके से कार्य समिति की बैठक कर रही है. भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बैठक अहम माना जा रहा है. मिल रहे संकेत के मुताबिक भाजपा नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के बदौलत जनता के बीच जाने की तैयारी कर रही है.
संक्रमण काल में बड़ी चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के लिए कोरोना संक्रमण काल में बड़ी चुनौती है. नेता और राजनीतिक दल इस बात को लेकर चिंतन कर रहे हैं कि किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएं. भाजपा ने कार्यसमिति के पहले दिन अपने इरादे साफ कर दिए.
ये होंगे चुनावी मुद्दे
पार्टी की ओर से जो राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए, उसके मुताबिक भाजपा नेता नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के बदौलत चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश करेंगे. कार्य समिति के पहले दिन जो प्रस्ताव पारित किए गए, उसमें तीन तलाक धारा 370 राम मंदिर विवाद को सुलझाने में मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया है. इसके अलावा नागरिकता संशोधन अधिनियम और नई शिक्षा नीति भी चुनावी मुद्दा हो सकता है.
संपूर्ण बंदी की घोषणा
केंद्र सरकार ने जिस तरीके से राष्ट्रीय एकल भर्ती एजेंसी की घोषणा की है, उसे लेकर भी भाजपा नेता जनता के बीच जाएंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम उपलब्धियों में शामिल होगा. कार्यसमिति के राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि कोरोना के भारत में प्रवेश के बाद संपूर्ण बंदी की घोषणा अनिवार्य थी.
प्राथमिक पैकेज की घोषणा
ऐसे में ऐलान के बाद केंद्र सरकार ने एक लाख 70 हजार करोड़ के प्राथमिक पैकेज की घोषणा की. जो समाज के हर वर्ग को राहत देने के लिए था. देशभर के 20 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 30 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने भेजे. वहीं बिहार के 2.38 करोड़ खाते में 3548 करोड़ रुपये भेजे गए.
श्रमिक योजना का लाभ
विगत जून महीने में 50 हजार करोड़ रुपये से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले से शुरू की गई. इस योजना का लाभ देश भर के 116 जिले को होगा. बिहार के 32 जिलों में लौट कर आए प्रवासी श्रमिकों को भी योजना का लाभ मिलेगा.
श्रमिकों को बिहार सरकार ने 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में 203. 34 करोड़ रुपये दिए गए. इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने देश भर से प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने का दुर्लभ कार्य किया.
श्रमिक ट्रेनों का परिचालन
देशभर से 1600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित किया गया. जिसमें लाखों प्रवासी मजदूर सुरक्षित घरों तक पहुंच गए. बता दें चिराग पासवान भी पहले कह चुके हैं. सात निश्चय पार्टी का एजेंडा है और वह एनडीए का एजेंडा नहीं हो सकता है. भाजपा के राजनीतिक प्रस्ताव से कमोबेश संकेत वैसे ही मिल रहे हैं.