पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) पर नियंत्रण के लिए सभी पार्टी के विधायकों के फंड को खर्च करने का जिम्मा राज्य सरकार ने लिया है. विपक्ष के विधायक इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. राजद नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने कहा कि हम लोगों का फंड कोरोना काल में सरकार ने ले लिया. उस फंड की राशि में घोटाला हो रहा है. सरकार उसे ठीक ढंग से खर्च करती तो अस्पतालों का ये हाल नहीं होता.
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बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने तेजप्रताप के बयान पर पलटवार किया है. विनोद शर्मा ने कहा, "बहुत आश्चर्य की बात है कि कोरोना काल में भी विधायक फंड की राशि को लेकर विपक्षी सदस्य राजनीति कर रहे हैं. विधायक फंड सरकार विकास कार्यों के लिए विधायकों को देती है. फंड को लेकर जिस तरह की बयानबाजी हो रही है इससे उन लोगों की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. फंड पर सवाल उठा रहे विपक्षी विधायकों की मंशा गलत है. सरकार पैसे का सही इस्तेमाल कर रही है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विपक्ष के लोगों को जनता की नहीं सिर्फ अपने फंड की चिंता है.
"बिहार सरकार विधायक फंड के पैसे का इस्तेमाल अस्पतालों में व्यवस्था सही करने में कर रही है. राज्य के सभी जिलों के अस्पताल में ऑक्सीजन बेड से लेकर सभी सुविधाएं विकसित की गईं हैं. सरकार कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रही है. जिस तरह के बयान विपक्ष के लोग दे रहे हैं वे ठीक नहीं हैं. जनता जानती है कि कोरोना काल में किस दल के नेताओं ने लोगों की मदद की है. विपक्ष के लोग ये बताएं कि उनके कितने कार्यकर्ता ने सड़क पर उतरकर कोरोना काल में लोगों की मदद की है."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी
बता दें कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में बिहार सरकार ने विधायकों और पार्षदों की वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद की 2-2 करोड़ रुपये की राशि अधिग्रहित करने का फैसला किया है. इस फैसले का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और सरकार के मंसूबे पर सवाल उठा रहा है.
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