पटना: शुक्रवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पटना पहुंचने के साथ ही बिहार की राजनीति में हलचलें तेज हो गई है. लालू के राबड़ी आवास पहुंचने के थोड़ी देर बाद लगभग शाम सात बजे सीएम नीतीश कुमार उनसे मुलाकात करने पहुंचे. लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार के बीच तकरीबन 15-20 मिनट तक बातचीत हुई. हालांकि किन मुद्दों पर इन दोनों के बीच चर्चा हुई है, इसका खुलासा नहीं हो सका है. वहीं लालू के पटना आने के साथ ही बयानबाजियों का दौर एक बार फिर से अपने परवान पर है. बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर रामसागर सिंह ने लालू को बुझा हुआ कारतूस करार दिया है.
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'राजनीति के बुझे हुए कारतूस हैं लालू'- BJP: भाजपा प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव राजनीति के बुझे हुए कारतूस हैं, सजायाफ्ता हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर इनके पुत्र तेजस्वी यादव और राजद ने इनके चेहरे से दूरी बना ली और पोस्टर से चेहरे को गायब कर पिछले विधान सभा चुनाव में महागठबंधन उतरी थी.
लालू पिछले उपचुनाव में प्रचार के लिए गए थे तो सारे जगहों पर राजद चुनाव हारी थी. महागठबंधन या यूपीए के लिए लालू चुनाव प्रचार करेंगे तो एनडीए को मदद ही मिलेगा, नुकसान नहीं होगा. जनता इनके चेहरे को नापसंद करती है.- डॉ रामसागर सिंह,भाजपा प्रवक्ता
लालू के पटना आने के साथ ही राजनीतिक हलचलें तेज: भले ही लालू प्रसाद यादव पिछले कुछ समय से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं लेकिन समय-समय पर महागठबंधन का मार्गदर्शन करते रहे हैं. नीतीश कुमार जितनी बार भी दिल्ली दौरे पर गए, उतने बार लालू यादव से मुलाकात की. विपक्षी एकजुटता के लिए सीएम नीतीश का लालू मार्गदर्शन करते रहे हैं. इस मुहिम में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी नीतीश का साथ दे रहे हैं. अब लालू जब बिहार में है तो माना जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए भी महागठबंधन को कुछ जीत का मंत्र जरूर देंगे. इन सबके बीच भाजपा की बेचैनी साफ तौर पर देखी जा रही है. हालांकि बीजेपी डंके की चोट पर कह रही है कि लालू के आने-जाने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है.