पटना: फरवरी 2022 में बिहार विधानसभा में राष्ट्रगीत वंदे मातरम ना गाने को लेकर हंगामा हुआ था. वहीं एक बार फिर से बिहार विधानसभा के बजट सत्र के समापन के दौरान भी हंगामा हुआ. दरअसल सत्र के अंतिम दिन पहली बार बिहार गीत गाया गया और तमाम सदस्यों ने बिहार गीत का सम्मान भी किया. वहीं भाजपा ने सदन में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत नहीं गाए जाने पर आपत्ति जाहिर की है.
बिहार विधानसभा में नहीं गाया गया राष्ट्रगान: विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हो गया है. बजट सत्र के अंतिम दिन सभी सदस्य सदन में राष्ट्रगीत गाते थे. यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही थी लेकिन इस बार राष्ट्रगान की जगह बिहार गीत का गायन हुआ. बिहार गीत के गायन के वक्त तमाम सदस्य खड़े हुए. वहीं भाजपा ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है. पार्टी की ओर से कहा गया कि राष्ट्रगान को डिलीट कर बिहार गीत का गायन सही नहीं था. हमें बिहार गीत से आपत्ति नहीं है लेकिन राष्ट्रगान का भी सम्मान होना चाहिए.
समापन में नहीं गया गया राष्ट्रगान: तमाम सदस्य बिहार गीत के समय खड़े हुए लेकिन भाजपा सदस्य चाहते थे कि राष्ट्रगीत भी गाया जाए. बिहार गीत के बाद जब राष्ट्रगीत गाया जाने लगा तो महागठबंधन के तमाम नेता बाहर निकल गए. अध्यक्ष भी सदन के बाहर चले गए, लेकिन भाजपा के सदस्य डटे रहे और वंदे मातरम का गीत अंत तक गाया. पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि हमें बिहार गीत से कोई परहेज नहीं है. लेकिन जिस तरीके से सरकार ने राष्ट्रगान को डिलीट किया वह दुखद है.
"महागठबंधन नेताओं को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत से परहेज है. बिहार गीत के साथ साथ राष्ट्रगीत होना चाहिए था. सरकार ने ऐसा नहीं किया जहां तक सवाल बिहार गीत का है तो वह बिहार गीत है ही नहीं नालंदा गीत है. जिसे बिहार गीत मान लिया गया है. मिथिला क्षेत्र के 18 जिलों का समावेश बिहार गीत में नहीं किया गया है.l जिस बिहार गीत को मिथिला को अलग रखकर बनाया गया हो उस पर हमारा भरोसा नहीं है."- जीवेश मिश्रा, बीजेपी विधायक