पटना: मिशन 2024 की आहट मिलने लगी है. नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तमाम विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. भाजपा ने भी विपक्ष को जवाब देने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया है. भाजपा के समर्थन में जहां 38 राजनीतिक दल हैं वहीं विपक्षी खेमे में 26 राजनीतिक दल हैं.
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UPA बना INDIA: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को चुनौती देने के लिए विपक्ष के नेता 18 जुलाई को बेंगलुरु में जुटे. भाजपा को घेरने के लिए रणनीति बनी. इंडिया के जरिए एनडीए को घेरने की पटकथा लिखी गई. नाम को लेकर विपक्षी खेमे में लंबे समय से खींचतान चलती रही.
India नाम को लेकर बीजेपी हमलावर: लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार चाहते थे कि बिहार के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बने. पहली बैठक में नाम को लेकर सहमति नहीं बनी. पटना में आयोजित बैठक के कुछ दिनों के बाद डी राजा ने पीडीए नाम सुझाया, लेकिन ज्यादातर दल इस पर सहमत नहीं हुए. बेंगलुरु में विपक्षी गठबंधन के लिए इंडिया नाम सामने लाया गया. मल्लिकार्जुन खरगे ने नाम का प्रस्ताव दिया और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलाइंस यानी कि इंडिया नाम रखा गया.
'लड़ी जाएगी कानूनी लड़ाई'- BJP: इंडिया नाम को लेकर भाजपा की ओर से आपत्ति जाहिर की गई है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने चिंता व्यक्त की है और कहा है कि देश के नाम पर किसी गठबंधन और राजनीतिक दल का नाम होना सही नहीं है और इस पर चिंतन करने की जरूरत है.
"देश के सामने आज एक गंभीर सवाल है. क्या कोई पार्टी गठबंधन या कंपनी या फिर प्रोडक्ट का नाम देश के नाम से रखा जा सकता है. सवाल यह भी उठता है कि अगर गठबंधन कोई कुकृत्य करता है तो वैसी स्थिति में इंडिया नाम की फजीहत होगी. ऐसे कदम को लेकर या तो कानून बनाया जाए या फिर कानूनी लड़ाई लड़ी जाए."-निखिल आनंद, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा ओबीसी मोर्चा
India नाम रखने के पीछे का कारण: यह समझना भी जरूरी है कि विपक्षी नेताओं ने इंडिया नाम क्यों रखा है. दरअसल भाजपा के राष्ट्रवाद को चुनौती देने के लिए विपक्ष ने राष्ट्रीयता को भरने के लिए इंडिया शब्द सामने लाया है. साथ ही विपक्ष की मंशा यह भी है कि भाजपा को इंडिया नाम पर विपक्ष पर आक्रमण करने में परेशानी होगी और मर्यादा का भी ख्याल रखना होगा. भाजपा अक्सर विरोधी खेमे के नेताओं पर राष्ट्र विरोधी होने का आरोप भी लगाती है. नाम के जरिए विपक्षी खेमा पर राष्ट्र विरोधी होने का तमगा भी नहीं लगेगा.
"इंडिया नाम का इस्तेमाल भाजपा के लोग करते रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में शाइनिंग इंडिया और मोदी सरकार में मेक इन इंडिया नाम का उपयोग किया जाता रहा है. अब मोदी जी इंडिया के लिए वोट मांगेंगे उन्हें कुर्सी छोड़कर जानी पड़ेगी."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
"हम एनडीए को इंडिया के जरिए शिकस्त देंगे. कौरव भी संख्या में ज्यादा थे लेकिन उनकी हार हुई. हम 2024 में चुनाव जीतेंगे."- श्याम रजक, राष्ट्रीय महासचिव, राजद
"नाम को लेकर विपक्षी खेमे में उस तरीके का उत्साह नहीं है जैसा होना चाहिए. नेताओं ने सोशल मीडिया पर भी इंडिया नाम को लेकर उत्साह नहीं दिखाया है. इधर भाजपा की चिंता भी जायज दिखती है."- डॉ संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषक
सवाल यह उठता है कि अगर गठबंधन कुछ अच्छा या बुरा करती है तो यह कहा जाएगा कि इंडिया ने अच्छा या बुरा किया. इस पर भी चिंतन की जरूरत है. 2024 में कौन किस को चुनौती देगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन विपक्षी खेमे ने भाजपा के राष्ट्रवाद को चुनौती देने के लिए तैयारी कर रखी है.