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Bihar Politics: 'नीतीश ने इंवेस्टर्स मीट में अडाणी के प्रतिनिधि को क्यों बुलाया.. क्या वो बिहार को बेच रहे थे?' - Rajya Sabha MP Sushil Modi

उद्योगपति गौतम अडाणी मुद्दे पर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कांग्रेस, नीतीश और वामपंथियों पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार और केरल की वामपंथी सरकार का उदाहरण देकर नीतीश को भी आड़े हाथ लिया.

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
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Published : Feb 6, 2023, 9:03 PM IST

Updated : Feb 6, 2023, 9:28 PM IST

सुशील कुमार मोदी, सांसद, राज्यसभा

पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने उद्योगपति गौतम अडाणी के मामले में कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा कराने के बजाय कांग्रेस सदन को बाधित कर रही है. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान अडाणी समूह पर अनर्गल आरोप लगाते रहे. जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अडाणी से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 65000 करोड़ का निवेश कराने के लिए इसी अडाणी समूह को कौड़ियों के भाव जमीन देने की घोषणा की.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics : 'पार्टी में उपेन्द्र कुशवाहा किसी पद पर नहीं', JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बड़ा बयान


सुशील मोदी का नीतीश पर निशाना: सुशील मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ही नहीं, बल्कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केरल में वाम मोर्चा सरकार भी अपने यहाँ पूंजी निवेश के लिए तो अडाणी की आरती उतारती है, लेकिन जब इस समूह को भाजपा शासित राज्य में कोई काम दिया जाता है, तब 'देश बेच दिया' का शोर मचाया जाता है. अगर अडाणी समूह में पेशेवर ईमानदारी की कमी है, तो बिहार सरकार ने इंवेस्टर्स मीट में अडाणी के प्रतिनिधि को क्योंआमंत्रित किया था? नीतीश कुमार ने उनसे निवेश की अपील क्यों की थी? तब क्या नीतीश कुमार बिहार को बेच रहे थे ?

अडाणी से केरल में बंदरगाह बनवा रहे वाम दल: अडाणी को लेकर विपक्षी पाखंड की पराकाष्ठा यह है कि केरल की वाम मोर्चा सरकार विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खड़ी है, जबकि स्थानीय जनता अडानी द्वारा विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह का विरोध कर रही है. राजस्थान और केरल के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और आंध्र प्रदेश में राज्य सरकारों के सहयोग से आडानी समूह खरबों रुपए का निवेश कर रहा है.

चर्चा से भाग रही कांग्रेस: राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अडाणी समूह के मुद्दे पर केंद्र सरकार नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है. राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर जो कुल 24 घंटे चर्चा के लिए तय हैं, उसमें विपक्ष कम से कम 6 घंटे अडाणी सहित किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रख सकती हैं. लेकिन, विपक्ष की मंशा चर्चा की नहीं, केवल हंगामा कर प्रचार पाने की है.

''अडाणी मामले में न सरकार की कोई भूमिका है और न इस समूह को कोई रियायत देने या पक्षपात करने का प्रमाण सामने आया है. विपक्ष का अभियान दुराग्रह और दोहरेपन से संचालित है. भारतीय स्टेट बैंक ने साफ कर दिया है कि अडाणी समूह को जो भी कर्ज दिये गए हैं, उसके एवज में आर्थिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की गई है.'' - सुशील कुमार मोदी, सांसद, राज्यसभा

'मजबूत हाथों में देश' : केरल सरकार आडाणी द्वारा बनाए जा रहे विझिजाम अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खूंटा ठोक कर खड़ी है. उन्होंने कहा कि जब अडाणी के शेयर संबंधी मामलों की निगरानी सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक कर रहे हैं, तब विपक्ष को छाती पीटने की जरूरत नहीं है. देश की अर्थव्यवथा ईमानदार और मजबूत हाथों में है.

सुशील कुमार मोदी, सांसद, राज्यसभा

पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने उद्योगपति गौतम अडाणी के मामले में कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा कराने के बजाय कांग्रेस सदन को बाधित कर रही है. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान अडाणी समूह पर अनर्गल आरोप लगाते रहे. जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अडाणी से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 65000 करोड़ का निवेश कराने के लिए इसी अडाणी समूह को कौड़ियों के भाव जमीन देने की घोषणा की.

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सुशील मोदी का नीतीश पर निशाना: सुशील मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ही नहीं, बल्कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केरल में वाम मोर्चा सरकार भी अपने यहाँ पूंजी निवेश के लिए तो अडाणी की आरती उतारती है, लेकिन जब इस समूह को भाजपा शासित राज्य में कोई काम दिया जाता है, तब 'देश बेच दिया' का शोर मचाया जाता है. अगर अडाणी समूह में पेशेवर ईमानदारी की कमी है, तो बिहार सरकार ने इंवेस्टर्स मीट में अडाणी के प्रतिनिधि को क्योंआमंत्रित किया था? नीतीश कुमार ने उनसे निवेश की अपील क्यों की थी? तब क्या नीतीश कुमार बिहार को बेच रहे थे ?

अडाणी से केरल में बंदरगाह बनवा रहे वाम दल: अडाणी को लेकर विपक्षी पाखंड की पराकाष्ठा यह है कि केरल की वाम मोर्चा सरकार विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खड़ी है, जबकि स्थानीय जनता अडानी द्वारा विझिजाम में बन रहे अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह का विरोध कर रही है. राजस्थान और केरल के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और आंध्र प्रदेश में राज्य सरकारों के सहयोग से आडानी समूह खरबों रुपए का निवेश कर रहा है.

चर्चा से भाग रही कांग्रेस: राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अडाणी समूह के मुद्दे पर केंद्र सरकार नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है. राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर जो कुल 24 घंटे चर्चा के लिए तय हैं, उसमें विपक्ष कम से कम 6 घंटे अडाणी सहित किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रख सकती हैं. लेकिन, विपक्ष की मंशा चर्चा की नहीं, केवल हंगामा कर प्रचार पाने की है.

''अडाणी मामले में न सरकार की कोई भूमिका है और न इस समूह को कोई रियायत देने या पक्षपात करने का प्रमाण सामने आया है. विपक्ष का अभियान दुराग्रह और दोहरेपन से संचालित है. भारतीय स्टेट बैंक ने साफ कर दिया है कि अडाणी समूह को जो भी कर्ज दिये गए हैं, उसके एवज में आर्थिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की गई है.'' - सुशील कुमार मोदी, सांसद, राज्यसभा

'मजबूत हाथों में देश' : केरल सरकार आडाणी द्वारा बनाए जा रहे विझिजाम अन्तरराष्ट्रीय बंदरगाह के पक्ष में खूंटा ठोक कर खड़ी है. उन्होंने कहा कि जब अडाणी के शेयर संबंधी मामलों की निगरानी सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक कर रहे हैं, तब विपक्ष को छाती पीटने की जरूरत नहीं है. देश की अर्थव्यवथा ईमानदार और मजबूत हाथों में है.

Last Updated : Feb 6, 2023, 9:28 PM IST
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