पटना : जब से मुकेश सहनी (Minister Mukesh Sahani) यूपी से विधानसभा चुनाव लड़कर आए हैं, बीजेपी उनपर हमलावर हो चुकी है. उनके हाथ से ना सिर्फ बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) सीट की दावेदारी खोनी पड़ी बल्कि मुकेश सहनी के विधान परिषद सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है. बीजेपी खुद मुकेश सहनी पर सख्त तेवर अपनाए हुए हैं. बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बयान दिया है कि बिहार की जनता ने हराकर मुकेश सहनी को सबक सिखाया था और अब यूपी की जनता ने भी उनके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त करा दी है. बावजूद इसके मुकेश सहनी लालू यादव के भक्त बने हुए हैं. रामसागर सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि मुकेश सहनी को ये जान लेना चाहिए कि इस वक्त लालू यादव कहां हैं? यानी साफ साफ मुकेश सहनी को बीजेपी संकेत दे रही है.
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'निषाद और अत्यंत पिछड़ा के नाम पर वोट का व्यापार करने वाले मुकेश सहनी को पहले बिहार की जनता ने हराकर सबक सिखाया था और हाल में यूपी की जनता ने भी उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त करा दी है. मुकेश सहनी लालू भक्त बने हुए हैं. उन्हे देखना चाहिए कि लालू कहां हैं?'- रामसागर सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
बिहार कांग्रेस का मुकेश सहनी पर तंज: बता दें कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुटकी लेने से नहीं चूक रही है. इस पूरे प्रकरण को कांग्रेस NDA में बिखराव को लेकर देख रही है. कांग्रेस के मुताबिक NDA की एकजुटता कितनी है, इसकी पोल बोचहां विधानसभा उपचुनाव की सीट ने खोल दी है. वीआईपी की सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारकर अच्छा नहीं किया है. मुकेश सहनी इस मुद्दे पर बहुत कुछ बोलते हैं लेकिन कितना बर्दाश्त करेंगे? अब समय आ चुका है कि एनडीए छोड़ें. अगर मुकेश सहनी ने NDA नहीं छोड़ा तो बीजेपी उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी.
'पूरे प्रकरण में NDA की एकजुटता की पोल खुल गई है. BJP ने अपना कैंडिडेट देकर मुकेश सहनी को ये संदेश दे दिया है कि आपको NDA से बाहर जाने का रास्ता साफ हो चुका है. मुकेश सहनी की वैलिडिटी (विधान परिषद) इसी साल समाप्त हो रही है. अगर मुकेश सहनी फिर से रिचार्ज नहीं हुए तो खुद ही मंत्रिमंडल से बाहर हो जाएंगे'- राजेश राठौर, प्रवक्ता कांग्रेस
मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई थी सीट: जानकारी दें कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन 24 नवंबर को हो गया था. नई दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वे कई महीनों से बीमार चल रहे थे. बोचहां विधानसभा का उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया था. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी काे मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. ऐसे में वीआईपी से अब उनके बेटे काे उतारे जाने की चर्चा है.
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