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BJP की ये कैसी सियासत! दूर-दूर और पास-पास वाली राजनीति उपचुनाव में JDU को कहीं महंगा न पड़ जाए

बिहार उपचुनाव के लिए एनडीए प्रत्याशियों की घोषणा भले ही सामूहिक मंच से किया गया, लेकिन अब जब प्रचार-प्रसार की बारी आई है तो बीजेपी इससे नदारद दिख रही है. बीजेपी नेता ने कहा है कि जब जेडीयू इस बारे में किसी तरह की मदद मांगेगी तो उनकी मदद की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

BJP  JDU
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Published : Oct 19, 2021, 7:45 AM IST

Updated : Oct 19, 2021, 8:59 AM IST

पटनाः बिहार विधानसभा की तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur Kusheshwarsthan By Elections) सीट पर होने वाले उपचुनाव पर एनडीए (NDA) उम्मीदवार के रूप में जेडीयू (JDU) ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इन दोनों सीटों पर प्रचार-प्रसार जोरों से शुरू हो गया है. जेडीयू दोनों ही सीटों को साधने के लिए काफी चुस्ती के साथ लगी हुई है वहीं, सहयोगी घटक दल होने के बाद बीजेपी की सक्रियता काफी कम देखी जा रही है.

इसे भी पढे़ं- बिहार उपचुनाव में मुकाबला हुआ दिलचस्प, तजुर्बेकार नेताओं से दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं युवा चेहरे

जेडीयू ने तारापुर से राजीव कुमार तो वहीं कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी को सिंबल दिया है. प्रचार-प्रसार में पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है. स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी की गई है. पार्टी के सभी दिग्गज इन दोनों सीटों पर फिर से कब्जा जमाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. जाहिर है जेडीयू के लिए यह लड़ाई नाक बचाने की है. विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू पहले ही तीन नंबर की पार्टी बन गई है. अब अगर ये दोनों सीटें भी हाथ से निकल गई तो हालात मुश्किल होगी.

देखें वीडियो

उपचुनाव में बीजेपी के सक्रिय नहीं रहने के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जाहिर है एनडीए गठबंधन वहां चुनाव लड़ रहा है. जेडीयू के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. यह उपचुनाव है इसलिए ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं है. कोई बड़ा चुनाव नहीं है. अगर जेडीयू या नीतीश कुमार की तरफ से मदद मांगी जाती है तो जरूरत के हिसाब से मदद की जाएगी.

इसे भी पढ़ें: जमा खान का दावा- दोनों सीटों पर होगी JDU की जीत, अल्पसंख्यकों का भी मिलेगा साथ

वहीं, इन परिस्थितियों को लेकर राजनीतिक विशेलेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि अगर बीजेपी में उपचुनाव को लेकर उत्साह होता तो पार्टी जरुर अपने स्टार प्रचारकों की घोषणा करती लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जाहिर है कि इससे जेडीयू को ही फायदा होगा. कुल मिलाकर भी देखें तो इससे गठबंधन को फायदा होगा न कि बीजेपी को. यही कारण है कि बीजेपी इस उपचुनाव को लेकर सुस्त नजर आ रही है.

इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि जातीय समीकरणों और पार्टी के दिग्गजों को लेकर जेडीयू आशवस्त है कि वह इन दोनों सीटों को साधने में कामयाब होगी. बीजेपी के नेताओं की जरुरत इसमें नहीं पड़ेगी. लेकिन इस बार इन दोनों पर सीटों पर मुकाबला पिछले चुनाव के जैसा नहीं है. आरजेडी और कांग्रेस भी अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. पहले की तरह चिराग पासवान ने भी अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारे हैं. जाहिर है इन सारी परिस्थितियों में वोटों का बिखराव होगा. ऐसी स्थिति में बीजेपी की कभी दूर-दूर और कभी पास-पास वाली राजनीति उपचुनाव में जेडीयू को कहीं भारी न पड़ जाए.

पटनाः बिहार विधानसभा की तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur Kusheshwarsthan By Elections) सीट पर होने वाले उपचुनाव पर एनडीए (NDA) उम्मीदवार के रूप में जेडीयू (JDU) ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इन दोनों सीटों पर प्रचार-प्रसार जोरों से शुरू हो गया है. जेडीयू दोनों ही सीटों को साधने के लिए काफी चुस्ती के साथ लगी हुई है वहीं, सहयोगी घटक दल होने के बाद बीजेपी की सक्रियता काफी कम देखी जा रही है.

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जेडीयू ने तारापुर से राजीव कुमार तो वहीं कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी को सिंबल दिया है. प्रचार-प्रसार में पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है. स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी की गई है. पार्टी के सभी दिग्गज इन दोनों सीटों पर फिर से कब्जा जमाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. जाहिर है जेडीयू के लिए यह लड़ाई नाक बचाने की है. विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू पहले ही तीन नंबर की पार्टी बन गई है. अब अगर ये दोनों सीटें भी हाथ से निकल गई तो हालात मुश्किल होगी.

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उपचुनाव में बीजेपी के सक्रिय नहीं रहने के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जाहिर है एनडीए गठबंधन वहां चुनाव लड़ रहा है. जेडीयू के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. यह उपचुनाव है इसलिए ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं है. कोई बड़ा चुनाव नहीं है. अगर जेडीयू या नीतीश कुमार की तरफ से मदद मांगी जाती है तो जरूरत के हिसाब से मदद की जाएगी.

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वहीं, इन परिस्थितियों को लेकर राजनीतिक विशेलेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि अगर बीजेपी में उपचुनाव को लेकर उत्साह होता तो पार्टी जरुर अपने स्टार प्रचारकों की घोषणा करती लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जाहिर है कि इससे जेडीयू को ही फायदा होगा. कुल मिलाकर भी देखें तो इससे गठबंधन को फायदा होगा न कि बीजेपी को. यही कारण है कि बीजेपी इस उपचुनाव को लेकर सुस्त नजर आ रही है.

इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि जातीय समीकरणों और पार्टी के दिग्गजों को लेकर जेडीयू आशवस्त है कि वह इन दोनों सीटों को साधने में कामयाब होगी. बीजेपी के नेताओं की जरुरत इसमें नहीं पड़ेगी. लेकिन इस बार इन दोनों पर सीटों पर मुकाबला पिछले चुनाव के जैसा नहीं है. आरजेडी और कांग्रेस भी अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. पहले की तरह चिराग पासवान ने भी अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारे हैं. जाहिर है इन सारी परिस्थितियों में वोटों का बिखराव होगा. ऐसी स्थिति में बीजेपी की कभी दूर-दूर और कभी पास-पास वाली राजनीति उपचुनाव में जेडीयू को कहीं भारी न पड़ जाए.

Last Updated : Oct 19, 2021, 8:59 AM IST
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