पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध के फैसले को स्वागत योग्य बताया है. सुशील मोदी ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) पर भारत सरकार ने पांच वर्षों का जो प्रतिबंध लगाया है हम उसका स्वागत करते हैं.
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बोले सुशील मोदी-'कांग्रेस और महागठबंधन कर रही तुष्टिकरण की राजनीति': सुशील मोदी ने कहा कि बिहार खासकर दक्षिण भारत के राज्यों में काफी लंबे समय से पीएफआई की आतंकवादी गतिविधियां चरम पर थी. विदेशों से फंडिंग, लोगों को हथियारों की ट्रेनिंग देना और आतंकवादी संगठनों के साथ पीएफआई के गहरे संबंध थे. पिछले दिनों फुलवारी शरीफ में छापेमारी के दौरान जब दस्तावेज पकड़े गए तो उसमें मिला कि 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना है. वहीं सुशील मोदी ने कांग्रेस और महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकते हैं. इनकी नजर में एक खास समाज और वर्ग का वोट बैंक है. इनकी सहानुभूति हमेशा वोट बैंक की ओर बनी रहती है. ये लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं.
"नरेंद्र मोदी का जब 14 जुलाई को पटना में दौरा था, उसमें पीएफआई की पीएम को टारगेट करने की योजना थी. बिहार में माले संगठन पीएफआई के समर्थन में दिखाई पड़ता है. शिवानंद तिवारी खुलेआम कहते हैं कि अगर पीएफआई ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया तो ये भी विरोध करने का एक तरीका है. कांग्रेस एक तरफ आतंकवाद के विरोध में भाषण देती है वहीं सीता रमैया जब कर्नाटक में सीएम थे, 2013 से 2018 के बीच में तब 1600 से ज्यादा पीएफआई के सक्रिय कार्यकर्ताओं के ऊपर 160 मुकदमे चल रहे थे, उन सारे मुकदमों को वापस ले लिया गया था."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद
पीएफआई के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूतः आपको बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने का फैसला किया है.