पटना: बीजेपी नेता सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (MP Sushil Modi On Nitish Kumar ) ने बिहार में निवेश को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने महागठबंधन के द्वारा बनाये गये सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि जब भी बिहार की सत्ता के लिए नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाया है, तब बिहार में निवेश करने से निवेशकों का भरोसा टूटा है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के बनाये हुए बिहार में निवेश के माहौल को आरजेडी के सत्ता में आते ही समाप्त कर दिया गया है.
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उद्यमियों का भरोसा टूटा: बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था और उद्यमियों के लिए शासन के रवैये को लेकर जो भरोसा लालू प्रसाद से हाथ मिलाने से खत्म हुआ है, उसे चंद निवेशकों से जबरन हाथ उठवाकर लौटाया नहीं जा सकता है. उसके बाद कहा कि "किसकी हिम्मत है कि मुख्यमंत्री के सामने उनके कहने पर हाथ नहीं उठाये". उन्होंने कहा कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल लालू प्रसाद के हाथ जाते ही देश भर के उद्यमियों का बिहार में निवेश करने से विश्वास समाप्त हो गया. जिसे इतनी मेहनत से एनडीए सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बड़ी मेहनत से बनाया था. सुशील मोदी ने कहा कि साल 2006 में 400 से ज्यादा निवेशकों ने बीजेपी के सरकार में होने पर बिहार में निवेश किया था. उनलोगों का अभी तक 600 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया सरकार चुका नहीं पाया है.
निवेशकों का भरोसा टूटा: राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निवेशकों ने सब्सिडी और अनुदान का बकाया पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी है. बताया जाता है कि इस कानूनी लड़ाई में हार के बावजूद सरकार ने निवेशकों का बकाया नहीं चुकाया है. उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार 10 साल में 6 बार सरकार बदल चुके हैं. तब निवेशक उन पर कैसे भरोसा कर सकता है.
जब उद्योग विभाग के बजट में निवेशकों के लिए अनुदान नाम मात्र का है. इसके बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट तक जाने की नौबत आती हो, तब सरकार किसी निवेशक का विश्वास कैसे जीत सकती है ? उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनते ही व्यापारियों से लूटपाट और लगातार हत्याएं की घटनाएं बढ रही है. पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आगे कहा कि बाढ के एनटीपीसी परिसर में एक महीने के भीतर दो बार फायरिंग की वारदात हुई, लेकिन इस मामले पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई.
'राज्य की कानून-व्यवस्था और उद्यमियों के लिए शासन के रवैये को लेकर जो भरोसा लालू प्रसाद से हाथ मिलाने से खत्म हुआ है, उसे चंद निवेशकों से जबरन हाथ उठवाकर लौटाया नहीं जा सकता है. "किसकी हिम्मत है कि मुख्यमंत्री के सामने उनके कहने पर हाथ नहीं उठाये". - सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
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