पटना : ''महाराष्ट्र में सियासी उथल पुथल की वजह विपक्षी एकता है'' ये कहना है बीजेपी के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का. सुशील मोदी ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गाँधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी. बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया.
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: क्या बिहार में फिर होगा बड़ा उलटफेर.. विधायकों से वन टू वन क्यों मिल रहे सीएम नीतीश ?
जेडीयू का वजूद बचाने के लिए वन टू वन मीटिंग : सुशील मोदी ने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को, पार्टी में भगदड़ की आशंका है. जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा, आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं. नीतीश सभी विधायकों के मन में क्या चल रहा है ये जान लेना चाह रहे हैं.
जेडीयू में भी टूट संभव : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बँटवारे में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएंगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी. यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है.
''नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंधन तोड़ा, लालू प्रसाद से फिर हाथ मिलाया और बिहार में विकास की रफ्तार तोड़ी. इससे दल के भीतर असंतोष लगातार बढ़ता रहा है. अब वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है.''- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी