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'दूसरों को आहत करना लोकतांत्रिक आचरण नहीं', मांझी का पलटवार- दलितों के अपमान पर घिघ्घी बंध जाती है, अभी बिल से बाहर निकल आए'

अपने ऊपर लगातार हो रहे हमलों के बाद हम प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दलितों को अपमानित किए जाने के मामलों पर सभी तथाकथित राजनेताओं की घिघ्घी बंध जाती है, लेकिन झूठे वायरल वीडियो पर सब एक साथ बिल से बाहर निकल जातें हैं.

सुशील मोदी ने मांझी के बयान की निंदा की
सुशील मोदी ने मांझी के बयान की निंदा की
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Published : Dec 19, 2021, 8:42 PM IST

पटना: ब्राह्मणों पर जीतनराम मांझी के आपत्तिजनक बयान (Jitan Ram Manjhi Objectionable Statement on Brahmins) के बाद बिहार की सियासत में जबर्दस्त उबाल है. पक्ष और विपक्ष के लोग उन पर हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने मांझी के बयान की निंदा की (Sushil Modi Condemned Manjhi Statement) है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

यह भी पढ़ें- मांझी के विवादित बयान पर बोली RJD- 'सफाई देने का कोई फायदा नहीं, ब्राह्मण समाज से मांगें माफी'

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम मांझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े.'

  • ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम माँझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
    संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊंची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे.'

  • अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे
    स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊँची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: बोले कांग्रेस MLC- 'मांझी ने खुले मंच से ब्राह्मणों को दी है गाली, CM तुरंत करें कार्रवाई

इस बीच अपने बयान के कारण सहयोगियों और विरोधियों का विरोध झेल रहे जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से मोर्चा संभाला है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'काश दलितों को पीटे जाने पर, उठक-बैठक कराए जाने पर, दलितों की हत्या किए जाने जैसे मामलों पर भी ऐसी ही राजनैतिक बयानबाजी होती. दलितों को अपमानित किए जाने के मामलों पर सभी तथाकथित राजनेताओं/कार्यकर्ताओं की घिघ्घी बंध जाती है पर झूठे वायरल वीडियो पर सब एक साथ बिल से बाहर निकल जातें हैं.'

  • काश दलितों को पीटे जाने पर,उठक-बैठक कराए जाने पर,दलितों की हत्या किए जाने जैसे मामलों पर भी ऐसी ही राजनैतिक बयानबाजी होती।
    दलितों को अपमानित किए जाने के मामलों पर सभी तथाकथित राजनेताओं/कार्यकर्ताओं की घिघ्घी बंध जाती है पर झूठे वॉयरल विडियो पर सब एक साथ बिल से बाहर निकल जातें हैं

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि मांझी ने अपने विवादित बयान के लिए माफी भी मांगी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'ब्राम्हण भाईयों को लेकर मेरे विडियो के उतने ही अंश को वायरल किया जा रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हो, जिसे सत्यता जानने के लिए पूरा सुनने की आवश्यकता है. मेरे दिल में समाज के हर तबके के लिए उतनी ही इज्जत है, जितना मैं अपने परिवार के लिए करता हूं.'

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पटना: ब्राह्मणों पर जीतनराम मांझी के आपत्तिजनक बयान (Jitan Ram Manjhi Objectionable Statement on Brahmins) के बाद बिहार की सियासत में जबर्दस्त उबाल है. पक्ष और विपक्ष के लोग उन पर हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने मांझी के बयान की निंदा की (Sushil Modi Condemned Manjhi Statement) है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

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बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम मांझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े.'

  • ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम माँझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
    संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े।

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वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊंची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे.'

  • अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे
    स्वर्गीय राम विलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊँची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे।

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इस बीच अपने बयान के कारण सहयोगियों और विरोधियों का विरोध झेल रहे जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से मोर्चा संभाला है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'काश दलितों को पीटे जाने पर, उठक-बैठक कराए जाने पर, दलितों की हत्या किए जाने जैसे मामलों पर भी ऐसी ही राजनैतिक बयानबाजी होती. दलितों को अपमानित किए जाने के मामलों पर सभी तथाकथित राजनेताओं/कार्यकर्ताओं की घिघ्घी बंध जाती है पर झूठे वायरल वीडियो पर सब एक साथ बिल से बाहर निकल जातें हैं.'

  • काश दलितों को पीटे जाने पर,उठक-बैठक कराए जाने पर,दलितों की हत्या किए जाने जैसे मामलों पर भी ऐसी ही राजनैतिक बयानबाजी होती।
    दलितों को अपमानित किए जाने के मामलों पर सभी तथाकथित राजनेताओं/कार्यकर्ताओं की घिघ्घी बंध जाती है पर झूठे वॉयरल विडियो पर सब एक साथ बिल से बाहर निकल जातें हैं

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि मांझी ने अपने विवादित बयान के लिए माफी भी मांगी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'ब्राम्हण भाईयों को लेकर मेरे विडियो के उतने ही अंश को वायरल किया जा रहा है, जिससे विवाद उत्पन्न हो, जिसे सत्यता जानने के लिए पूरा सुनने की आवश्यकता है. मेरे दिल में समाज के हर तबके के लिए उतनी ही इज्जत है, जितना मैं अपने परिवार के लिए करता हूं.'

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