पटना: बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने जातीय जनगणना (Cast Census) पर केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से इसे कराना संभव नहीं है, लेकिन राज्य सरकार अगर चाहे तो अपने स्तर से करवा सकती है.
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पटना सिटी में मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना को लेकर हलफनामा दाखिल किया है, अभी मामला कोर्ट में है. ऐसे में अगर कोर्ट का जो भी निर्णय होगा उसे सरकार को मानना होगा.
बीजेपी नेता ने कहा कि भारत में इतनी ज्यादा जातियां और उपजातियां हैं कि जातीय जनगणना करवाना केंद्र सरकार के लिए संभव नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य में कराना चाहे तो वह स्वतंत्र है, इसे करवा सकती है.
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आपको बताएं कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना प्रशासनिक पर मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.'
इससे पहले सुशील मोदी ने पटना सिटी के मालसलामी क्षेत्र के नगला इलाके में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 71वें जन्मदिन पखवाड़े में शिरकत की. व्यापार प्रकोष्ट की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने केक काटा और पीएम मोदी के दीर्घायु होने की कामना की.