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'बिहार में नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं', सुशील मोदी का प्रशांत किशोर पर तंज

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर हमला बोला (Sushil Modi attacks Prashant Kishor) है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?

सुशील मोदी का प्रशांत किशोर पर तंज
सुशील मोदी का प्रशांत किशोर पर तंज
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Published : May 2, 2022, 7:59 PM IST

पटना: जैसे ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिए, वैसे ही उन पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने ट्वीट कर उन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. वैसे लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है.

ये भी पढ़ें: राजनीति में पीके की एंट्री के संकेत ने सियासी दलों की बढ़ाई बेचैनी, सत्ता पक्ष और विपक्ष ने दागे तीखे सवाल

बिहार में नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं: सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैकड़ो दल पहले से हैं. अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?"

  • बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें: Inside Story : बिहार में आसान नहीं होगी प्रशांत किशोर की राह, मुंह बाए खड़ी हैं ये चुनौतियां

अकेले क्या तीर मार लेंगे: अपने दूसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा, "जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है, लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है. जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?"

  • जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है,

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजनीति में एंट्री लेंगे प्रशांत किशोर?: असल में प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी खोज ने 10 साल के रोलरकोस्टर की सवारी का नेतृत्व किया. जैसे ही मैं पन्नों को पलटता हूं, पता चलता है कि अब मुद्दों और ''जन सुराज'' के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से होगी.'

क्या होगा पार्टी का नाम? : प्रशांत किशोर के ट्वीट को देखें तो एक तरह से उनकी पार्टी का नाम जन सुराज हो सकता हैं. हालांकि इस ट्वीट के बाद ये कयास भर ही है. पार्टी किस रुप में होगी. उसका नाम क्या होगा. यह सब तो पीके के दिमाग में होगा. लेकिन यह सवाल जरुर है कि अभी बिहार में कोई चुनाव होने वाला नहीं है. बिहार विधान सभा का चुनाव 2025 में और लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है. तो फिर प्रशांत किशोर ने ऐसा क्यों लिखा, 'शुरुआत बिहार से'? हालांकि हो सकता है कि बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रशांत किशोर तीन साल पहले ही राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर एक या दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच कर सकते हैं.

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पटना: जैसे ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने के संकेत दिए, वैसे ही उन पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने ट्वीट कर उन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. वैसे लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है.

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बिहार में नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं: सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैकड़ो दल पहले से हैं. अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?"

  • बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है।

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अकेले क्या तीर मार लेंगे: अपने दूसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा, "जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है, लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है. जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?"

  • जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है,

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राजनीति में एंट्री लेंगे प्रशांत किशोर?: असल में प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी खोज ने 10 साल के रोलरकोस्टर की सवारी का नेतृत्व किया. जैसे ही मैं पन्नों को पलटता हूं, पता चलता है कि अब मुद्दों और ''जन सुराज'' के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से होगी.'

क्या होगा पार्टी का नाम? : प्रशांत किशोर के ट्वीट को देखें तो एक तरह से उनकी पार्टी का नाम जन सुराज हो सकता हैं. हालांकि इस ट्वीट के बाद ये कयास भर ही है. पार्टी किस रुप में होगी. उसका नाम क्या होगा. यह सब तो पीके के दिमाग में होगा. लेकिन यह सवाल जरुर है कि अभी बिहार में कोई चुनाव होने वाला नहीं है. बिहार विधान सभा का चुनाव 2025 में और लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है. तो फिर प्रशांत किशोर ने ऐसा क्यों लिखा, 'शुरुआत बिहार से'? हालांकि हो सकता है कि बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रशांत किशोर तीन साल पहले ही राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर एक या दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच कर सकते हैं.

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