पटनाः केंद्र सरकार की ओर से 1 फरवरी को आम बजट 2022 (Union Budget 2022)पेश किया गया. बजट को लेकर विपक्ष की तरफ से कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. बिहार में तो सहयोगी जदयू भी इस पर सवाल खड़े कर रही है. ऐसे में जनता के बीच भ्रम की स्थिति ना बने, इसके लिए बीजेपी अपने सांसदों और विधायकों को मैदान में उतारेगी. जो प्रेस कॉन्फ्रेंस (BJP Leaders Press Conference On Budget In Bihar) के माध्यम से जनता को बजट के बारे में समझाएंगे.
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बीजेपी के सांसद विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता सभी जिले में जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और बताएंगे कि बजट का कितना लाभ बिहार को मिलने वाला है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने हर क्षेत्र के लोगों के लिए किस प्रकार से बजट में व्यवस्था की है. लोगों को उसकी जानकारी देंगे.
'हमारा मकसद साफ है. विपक्ष को बजट समझ में नहीं आ रहा है और वो इसका विरोध कर रहे हैं, जनता को भ्रम में डाल रहे हैं. ऐसे से में जनता के बीच बजट को लेकर हम लोग अपनी बात रखेंगे. लोगों को बताएंगे कि नरेंद्र मोदी सरकार बजट के माध्यम से देश को आगे किस तरह से ले जाने की तैयारी कर रही है, उसके बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे'- अरविंद सिंह, बीजेपी नेता
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया था. जिसे लेकर विपक्ष ने कहा था कि ये आम लोगों का बजट नहीं है. इससे बिहार को कुछ नहीं मिला है. विशेष राज्य का दर्जे की भी कोई बात नहीं की गई. जबकि बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ा है और इसे केंद्र से बड़ी मदद की दरकार है. जनता के बीच भी ये मैसेज गया कि इस बजट से गरीबों का भला होने वाला नहीं है. जिसे लेकर अब बीजेपी के नेता लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे कि कैसे ये बजट भारत के विकास के लिए मिल का पत्थर साबित होगा.
इस बार इलेक्ट्रोनिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट मिली है. वहीं रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. नकली गहनों पर कस्टम ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलो की गई. वहीं, आम आदमी को इस बजट में इनकम टैक्स पर कोई राहत नहीं मिली. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन केंद्र सरकार ने 60 लाख लोगों को रोजगार देने की बात की है. बजट में एजुकेशन सेक्टर से जुड़ी कई घोषणाएं की गई हैं.
वहीं, सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया है. दिव्यागों को भी कर राहत का ऐलान किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की गई है.
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