पटनाः बिहार सरकार की ओर से पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पुलिसकर्मियों को सार्वजनिक रूप से नियुक्ति पत्र दिया गया (Appointment letter given to policemen) दिये जाने पर भाजपा नेता लगातार सरकार पर हमलावर हैं. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha) ने कहा कि बिहार सरकार लगातार नियुक्ति घोटाला (Appointment Scam In Bihar) कर रही है. उन्होंने कहा कि आज जिन 10000 लोगों को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटा गया वह पहले ही बहाल हैं. दुबारा नियुक्त पत्र देना गलत है और मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए. जब से वह महागठबंधन में गए हैं, तब से किन-किन विभागों में अभी तक परीक्षाएं ली गई है. आवेदन आमंत्रित किए गए हैं जब परीक्षा ही नहीं लिया गया आवेदन ही नहीं भरा गया तो फिर नियुक्ति पत्र कहां से बांटे जा रहे हैं. इसका भी जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा.
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"बिहार में नियुक्ति घोटाला जारी है. वित्तीय वर्ष 2020 में ही नियुक्ति निकाली गई थी. अभ्यर्थियों का चयन वर्ष 2022 के मई महीने तक कर लिया गया था. बावजूद इसके आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्हें नियुक्ति पत्र दिया है. मुख्यमंत्री लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन बिहार की जनता जान रही है, जबसे इनकी सरकार बनी है, किसी भी विभागों में अभी तक रिक्तियां नहीं निकली गई है. ना ही आवेदन भरे गए हैं. ना ही परीक्षाएं ली गई है तो फिर किस तरह से मुख्यमंत्री लगातार कई विभागों में नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं."-विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
सहरसा के डीआईजी सिपाहियों को पहले ही बांट चुके हैं नियुक्ति पत्रः विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में नियुक्ति पत्र बांटने का काम दिखावे के लिए है और जितनी भी नियुक्ति पत्र भी दी जा रही है, सब की चयन प्रक्रिया उस समय में समाप्त हो गई थी जब भारतीय जनता पार्टी सरकार के साथ थे. मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि जो नियुक्ति पत्र वह आज बांटे हैं, उसका आवेदन के समय में लिया गया परीक्षा कब लिया गया और चयन कब किया गया. बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सहरसा के डीआईजी ने अपने क्षेत्र में सिपाहियों को पहली नियुक्ति पत्र दे दिया था. नियुक्त लोगों को दुबारा नियुक्ति पत्र वितरण कैसे कर सकते हैं. हां इसे प्रतिनियुक्ति करना जरूर कर सकते हैं. लेकिन बार-बार जो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री नियुक्ति पत्र वितरण की बात कर रहे हैं. पूरी तरह से गलत है और मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए.
जल संसाधन विभाग में 1000 नियुक्ति प्रक्रिया 2016 में हुआ था शुरूः विजय सिन्हा ने कहा कि इससे पहले भी जल संसाधन विभाग में 1000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया. इनकी चयन प्रक्रिया उस समय में ही खत्म हो गई थी, जब हम लोग सरकार में थे. उन्होंने कहा कि इसके इस पद के लिए आवेदन वर्ष 2016 में आवेदन मांगे गये थे, जिसका चयन प्रक्रिया 2022 के जून तक खत्म हो गई थी. इन लोगों की नियुक्ति भी पहले कर दी गई थी उसके बाद ये लोग फिर से दिखावे के लिए नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. गांधी मैदान में आज जिन सिपाहियों को नियुक्ति पत्र दिया गया है, उसको स्थानीय स्तर पर डीआईजी ने सभी जिलों में बुलाकर पहले ही नियुक्ति पत्र बांट दिया था.
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