पटनाः भाजपा नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर दिया और नाराज होते हुए बाहर निकल गए. उनका मानना है कि बैठक में उनकी बात को नहीं माना गया. विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है, इसलिए यह स्वीकार नहीं है. शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
मॉनसून सत्र को लेकर बैठक : बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र (Bihar Legislature Monsoon Session) 10 से 14 जुलाई तक चलेगा है. मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए बैठक बुलाई गई, जिसमें नेताओं ने अपनी राय रखी. इसी दौरान विजय सिन्हा अपनी मांग रखी दी. महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि कार्यवाही की कॉपी उपलब्ध कराने की परंपरा नहीं है, इतने में विजय सिन्हा आग बबुला होते हुए बैठक से बाहर निकल गए. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है.
"सरकार के दबाव में विपक्ष की आवाज को दबाना कतई स्वीकार नहीं करेंगे. बार बार कहने के बाद भी कार्यवाही में पार्दर्शिता नहीं बरती गई. पहले भी बजट सत्र के दौरान कहा था कि कार्यवाही की कॉपी साझा की जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सभी दलीय नेताओं के विषय पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है. इसे हम स्वीकार नहीं करेंगे." - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, भाजपा
खुद का मजाक बना रहे विजय सिन्हाः कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा की बैठक से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा को बाहर नहीं निकलना चाहिए था. जिस कार्यवाही की काॉपी की मांग कर रहे थे, इस बैठक में उसे उपलब्ध नहीं कराया जाता है. ऐसी कोई परंपरा नहीं है. खुद विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन अपना मजाक खुद बनाना चाहते हैं. यह बैठक सत्र को लेकर बुलाई गई थी.
"विजय सिन्हा ने खुद की हास्यास्पद वाली स्थिति बना ली है. खुद स्पीकर रह चुके हैं और इस चीज को उन्होंने अपने काल में नहीं किया. इसकी कोई परंपरा नहीं रही है, इस तरह की बैठक किसी भी सत्र के पहले होती है, जिसमें सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी अपनी राय देते हैं, लेकिन ये कुछ अलग ही डिमांड कर रहे थे." -शकील अहमद खान, विधानमंडल दल नेता, कांग्रेस
यह परंपरा नहीं रही हैः इधर विजय सिन्हा का बैठक से निकलना विजय कुमार चौधरी को भी बुरा लगा. उन्होंने कहा कि विजय कुमार सिन्हा खुद अध्यक्ष रह चुके हैं. इस तरह की कभी परंपरा ही नहीं रही है. इससे पहले भी जो विधानसभा अध्यक्ष थे, किसी के कार्यकाल में इस तरह की कार्यवाही की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई जाती है, लेकिन विजय सिन्हा बार बार इसकी मांग कर रहे थे.
"जिस चीज की ये मांग कर रहे हैं, कभी इसकी परंपरा नहीं रही है. विजय सिन्हा जब अध्यक्ष थे तब भी यह परंपरा नहीं रही है. यह बैठक सत्र शुरू करने से पहले इसलिए की गई है, ताकि सत्र संचालन पर राय लिया जा सके." -विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार
सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दल के नेताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और हम के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी शामिल हुए. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव, मंत्री ललित यादव, AIMIM विधायक अख्तरुल इमान भी बैठक में शामिल हुए.